नई दिल्ली, 28 अक्टूबर (हि.स)। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने मौद्रिक नीति समिति एमपीसी की एक बैठक 3 नवंबर को बुलाई है। लगातार तीन तिमाहियों से महंगाई दर 6 फीसदी से नीचे रखने पर विफल रहने के बाद आरबीआई को यह आपात बैठक बुलानी पड़ी है।
रिजर्व बैंक की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि एमपीसी की यह बैठक आरबीआई एक्ट-1934 के तहत सेक्शन 45 जेडएन के प्रावधानों के तहत बुलाई गई है। जानकारों के मुताबिक आरबीआई आमतौर पर ऐसा कदम महंगाई दर को निर्धारित सीमा में रखने में विफल रहने पर उठाता है।
दरअसल, खाद्य पदार्थों के महंगा होने से देश में खुदरा महंगाई दर सितंबर महीने में बढ़कर रिकॉर्ड 7.41 फीसदी के स्तर पर पहुंच गई है। हालांकि, रिजर्व बैंक महंगाई को थामने के लिए लगातार नीतिगत ब्याज दरों में इजाफा कर रहा है, लेकिन महंगाई थमने का नाम नहीं ले रही है।
महंगाई दर के 6 फीसदी से अधिक रहने पर आरबीआई को केंद्र सरकार को एक रिपोर्ट देनी होगी। इस रिपोर्ट में आरबीआई को बताना होगा कि वह खुदरा मुद्रास्फीति को दो से 6 फीसदी के दायरे में रखने में क्यों विफल रहा। केंद्र सरकार ने आरबीआई को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि खुदरा महंगाई दर दो से 6 फीसदी के दायरे में बनी रहे।