रामायण सर्किट विकास से भारत-श्रीलंका के सम्बन्ध और प्रगाढ़ होंगे : श्रीलंकाई उप उच्चायुक्त

कुशीनगर, 28 अक्टूबर (हि.स.)। श्रीलंका का चीन से सम्बन्ध व्यापारिक है किंतु भारत से सांस्कृतिक सम्बन्ध है। यह सम्बन्ध प्राचीन काल से चले आ रहे हैं। दोनों देश इसे और मजबूत करने के लिए कार्य कर रहे हैं।

श्रीलंका की सरकार भी रामायण सर्किट की योजना पर कार्य कर रही है। श्रीलंका में सीता मंदिर, अशोक वाटिका, रावण का विमान तल समेत भगवान राम से जुड़े 30 पर्यटक स्थल हैं। उक्त बातें भारत में श्रीलंका के उप उच्चायुक्त निलुका कडुरुगमुआ ने कुशीनगर में पत्रकारों से बातचीत में कही।

श्रीलंकाई राजनायिक कुशीनगर के एक दिवसीय निजी दौरे पर आए थे। उन्होंने कहा कि रामायण सर्किट के विकास से भारतीय पर्यटकों का श्रीलंका के प्रति आकर्षण बढ़ेगा। दोनों देशों के मैत्री सम्बंध और मजबूत होंगे ही, पर्यटन का भी विकास होगा। भारत में भी रामायण सर्किट का विकास चल रहा है और श्रीलंका में रामायण सर्किट के विकास पर काम चल रहा है। ऐसे में भविष्य में दोनों देशों के बीच पर्यटन तेजी से बढ़ेगा। भारत ने संकट काल में श्रीलंका को 3.8 बिलियन डॉलर की सहायता दिया है। अब श्रीलंका के हालात तेजी से सामान्य हो रहे हैं।

भिक्षु समित, भिक्षु अस्सजी थेरो पूजन सम्पन्न कराया। विधायक पी0 एन0 पाठक ने उप उच्चायुक्त का स्वागत किया। तहसीलदार मांधाता प्रताप सिंह, सुमित त्रिपाठी, ब्रजेश मणि त्रिपाठी आदि उपस्थित रहे।

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