देशभर में ‘यूडीआईएसई-प्लस’ के जरिए स्कूलों, बच्चों और शिक्षकों का डाटा किया जा रहा एकत्रित

चंडीगढ़, 28 अक्टूबर (हि.स.)। देश-प्रदेश के सरकारी और प्राइवेट स्कूलों, बच्चों और शिक्षकों का ऑनलाइन डाटा संग्रह फार्म भरवाने के लिए पंचकूला में ‘यूडीआईएसई-प्लस’ के तहत दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया है। इसमें आठ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने भाग लिया। दो दिन तक चलने वाली वर्कशॉप की शुरुआत शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. महावीर सिंह ने की।

इस अवसर पर निदेशक डॉ. अंशज सिंह, भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय की मुख्य सलाहकार अलका मिश्रा भी विशेष रूप से उपस्थित रहीं। वर्कशॉप में जम्मू, लद्दाख, उत्तराखंड, हिमाचल, पंजाब, चंडीगढ़, दिल्ली और हरियाणा में स्कूलों के डाटा को लेकर यूडीआईएसई प्लस के महत्व, सही समय पर सही डाटा कलेक्शन और डाटा की मॉनिटरिंग से जुड़ी जरूरतों पर चर्चा हुई।

डॉ. महावीर सिंह ने बताया कि पूरे देश में करीब 16 लाख स्कूल हैं। इनमें 25 करोड़ से ज्यादा बच्चे पढ़ाई करते हैं। करीब एक करोड़ शिक्षक इन स्कूलों में पढ़ाते हैं। इन सब स्कूलों, बच्चों और शिक्षकों के डाटा को इकठ्ठा करने का काम यूडीआईएसई प्लस के जरिए किया जाता है। इसके आधार पर केंद्र, प्रदेश सरकार और शिक्षा विभाग अपनी योजनाएं बनाते हैं ताकि सभी को उन योजनाओं का लाभ मिल सके। डाटा कलेक्शन का कार्य करने वाले अधिकारी और कर्मचारी केवल विभाग के लिए ही ये काम नहीं कर रहे हैं बल्कि ये बहुत बडे़ स्तर पर समाज के लिए भी कार्य कर रहे हैं।

सेकेंडरी शिक्षा विभाग के निदेशक डॉ. अंशज सिंह ने कहा कि स्कूली शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत करने और गैप को आइडेंटिफाई करने के लिए सही डाटा होना बेहद जरूरी है ताकि सही समय पर सही मांग को पूरा किया जा सके। जब सरकार और विभाग के पास हर चीज का सही और विस्तृत डाटा होगा, तभी प्राथमिकता के आधार पर फैसला लिया जा सकेगा कि किसको क्या और कब देना है।

देशभर में सरकारी, अर्धसरकारी और प्राइवेट स्कूलों का डाटा यूडीआईएसई प्लस के जरिए ही तैयार किया जाता है। उसी के आधार पर केंद्र और प्रदेश सरकार न केवल योजनाएं बनाती है बल्कि उनको लागू करने के लिए हर जरूरत की चीजें भी मुहैया करवाती हैं। पंचकूला में चल रही इस वर्कशॉप में एमआईएस समन्वयकों को यूडीआईएसई प्लस का ऑनलाइन डाटा संग्रह फार्म (डीसीएफ) भरने का प्रशिक्षण दिया गया। इसके तहत छात्र, स्कूल, स्कूल के बुनियादी ढांचे, शिक्षकों और परीक्षा परिणाम से संबंधित मापदंडों पर जानकारी एकत्रित करने के बारे विस्तार से बताया गया।

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