नई दिल्ली, 27 अक्टूबर (हि.स.)। लोकसेवकों को राजनीतिक दलों में पद हासिल करने से रोकने के लिए दिल्ली हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है। याचिका में मांग की गई है कि केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार को इसके दिशा-निर्देश तय करने के लिए एक कमेटी का गठन करने का आदेश दिया जाए।
वकील सोनाली तिवारी ने दायर याचिका में कहा है कि राजनीतिक दलों में महत्वपूर्ण पदों पर काम करने वाले लोग लोकसेवक के रूप में निष्पक्ष काम नहीं कर पाते और उन्हें लोकसेवक के पद पर नियुक्त करने से सार्वजनिक धन की बर्बादी होती है। याचिका में भाजपा, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के कई नेताओं का जिक्र किया गया है, जिन्हें लोकसेवक के रूप में नियुक्त किया गया है। ऐसे लोग लोकसेवक के रूप में नियुक्त होने के बावजूद राजनीतिक दलों की गतिविधियों में शामिल रहते हैं।
याचिका में कहा गया है कि राजनीतिक दल से जुड़ा होने के नाते लोकसेवक अपने ही उस दल के फायदे के लिए काम करना चाहता है, जिसके जरिये उसकी नियुक्ति हुई है। इससे लोकसेवकों के प्रति आम जनता का विश्वास टूटने लगता है। करदाताओं के पैसे का दुरुपयोग किसी राजनीतिक दल के एजेंडा को आगे बढ़ाने में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है।