लंदन, 25 अक्टूबर (हि.स.)। ब्रिटेन के सम्राट चार्ल्स तृतीय ने कंजर्वेटिव पार्टी संसदीय दल के नए नेता ऋषि सुनक को ब्रिटेन का प्रधानमंत्री नियुक्त किया है। भारतवंशी ऋषि ब्रिटेन के पहले हिंदू प्रधानमंत्री होंगे। प्रधानमंत्री नियुक्त होने के बाद देश को पहले संबोधन में सुनक ने कठोर आर्थिक फैसलों की बात कही है।
प्रधानमंत्री लिज ट्रस के इस्तीफे की घोषणा के बाद सोमवार को कंजर्वेटिव पार्टी की ओर से प्रधानमंत्री पद के लिए ऋषि सुनक के नाम को हरी झंडी मिली थी। मंगलवार को लिज ट्रस ने ब्रिटेन के सम्राट चार्ल्स तृतीय को अपना इस्तीफा सौंपा। उसके बाद ऋषि सुनक सम्राट चार्ल्स तृतीय से मिले, जिन्हें औपचारिक रूप से ब्रिटेन का प्रधानमंत्री नियुक्त कर दिया गया। सम्राट द्वारा नियुक्त किये जाने के बाद सुनक लंदन के 10, डाउनिंग स्ट्रीट स्थित ब्रिटेन के प्रधानमंत्री निवास पहुंचे।
10, डाउनिंग स्ट्रीट पर देश के नाम अपने पहले संबोधन में ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने कहा कि वे भविष्य में देश का नेतृत्व करने, अपनी जरूरतों को राजनीति से ऊपर रखने और अपनी पार्टी की श्रेष्ठ परंपराओं का प्रतिनिधित्व करने के लिए प्रधानमंत्री आवास तक पहुंचे हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि वे सबके साथ मिलकर अविश्वसनीय चीजें हासिल करने में सफल होंगे। सुनक ने दावा किया कि वे भारी संख्या में हुए बलिदानों के अनुरूप भविष्य का निर्माण करेंगे। आने वाले दिनों को आशा भरा बताते हुए उन्होंने अपनी सरकार को हर स्तर पर ईमानदार, व्यावसायिक एवं जवाबदेह करार दिया। उन्होंने कहा कि विश्वास कमाया जाता है और वे प्रधानमंत्री के रूप में ब्रिटेन की जनता का विश्वास कमाएंगे।
ऋषि सुनक ने ब्रिटेन की जनता से मानवता के साथ काम करने का वादा किया, ताकि आने वाली पीढ़ी के लिए बेहतर भविष्य का पथ प्रशस्त हो सके। उन्होंने इसके लिए देश को सिर्फ शब्दों से ही नहीं, बल्कि अपनी गतिविधियों से भी एकजुट करने की बात कही। आर्थिक मोर्चे पर पूर्व प्रधानमंत्री लिज ट्रस की विफलता के चलते इस मोर्चे पर उनके बयान की प्रतीक्षा सिर्फ ब्रिटेन ही नहीं दुनियाभर को थी। इस पर ऋषि सुनक ने कहा कि आर्थिक स्थिरता और विश्वास उनकी सरकार के एजेंडे का मुख्य विषय होगा। इसका साफ मतलब होगा, कठिन फैसले। वे आर्थिक स्थिरता के लिए कठिन फैसले से पीछे नहीं हटेंगे। कोविड काल के दौरान अपने कार्यों को याद दिलाते हुए उन्होंने कहा कि उनकी सरकार अगली पीढ़ी पर कर्ज का बोझ नहीं लादेगी।