देश-दुनिया के इतिहास में 24 अक्टूबर की तारीख तमाम कारणों से दर्ज है। यह तारीख अंतरिक्ष के क्षेत्र में इतिहास रचने के लिए भी दर्ज है। दरअसल 24 अक्टूबर, 1946 को अमेरिका के न्यू मैक्सिको में व्हाइट सैंड्स मिसाइल रेंज से दागे गए रॉकेट ने अंतरिक्ष से धरती की पहली तस्वीर ली थी। यह रॉकेट जर्मन वी2 था। इसे दूसरे विश्वयुद्ध के समाप्त होने पर अमेरिका ने उससे छीन लिया था। युद्ध के दौरान वी2 रॉकेट ने लंदन और अन्य शहरों पर दहशत बरसाई थी। शांतिकाल में इसकी विस्फोटक सामग्री को निकालकर उसकी जगह साइंटिफिक इंस्ट्रूमेंट्स लगाए गए थे। इसमें 35एमएम मोशन-पिक्चर कैमरा लगा था। यह हर डेढ़ सेकंड में एक तस्वीर खींच रहा था।
इस तारीख का संयुक्त राष्ट्रसंघ (यूएनओ) से भी गहरा संबंध है। यूएनओ की स्थापना 24 अक्टूबर, 1945 को हुई थी। पहले विश्वयुद्ध के बाद 1929 में राष्ट्र संघ बना था। दूसरा विश्वयुद्ध रोकने में नाकाम रहा तो 1946 में इसे भंग कर दिया गया। 1944 में अमेरिका, ब्रिटेन, रूस और चीन के बीच ग्लोबल ऑर्गेनाइजेशन बनाने पर सहमति बनी। 1945 में 50 देशों के प्रतिनिधियों में बातचीत हुई और 24 अक्टूबर, 1945 को संयुक्त राष्ट्रसंघ की स्थापना हुई। इसका मुख्यालय न्यूयॉर्क में है। इसके 193 सदस्य देश हैं। फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गेनाइजेशन, इंटरनेशनल लेबर ऑर्गेनाइजेशन, यूनेस्को, यूनिसेफ, विश्व स्वास्थ्य संगठन जैसी संस्थाएं इससे संबद्ध हैं। भारत लंबे समय से संयुक्त राष्ट्रसंघ की संरचना में बदलाव और सुरक्षा परिषद में वीटो पॉवर के साथ स्थायी सदस्यता की दावेदारी कर रहा है।
इस तारीख को अमेरिका के सिविल राइट्स मूवमेंट के लिए भी याद किया जाता है। दरअसल अफ्रीकी-अमेरिकी सिविल राइट्स एक्टिविस्ट रोजा पार्क्स ने 1955 में एक गोरे को बस में सीट देने से इनकार कर दिया था और यह अमेरिका में सिविल राइट्स मूवमेंट की चिंगारी बना। 01 दिसंबर, 1955 को उन्हें शहर के नस्लभेदी कानून के तहत गिरफ्तार किया गया। इसके बाद मार्टिन लूथर किंग के नेतृत्व में एक पब्लिक मूवमेंट शुरू हुआ, जिससे न केवल अमेरिका में नस्लभेदी कानूनों को रद्द करना पड़ा, बल्कि मार्टिन लूथर किंग ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शोहरत हासिल की। इस सफल कैम्पेन की चिंगारी बनने के लिए रोजा पार्क्स को मदर ऑफ द सिविल राइट्स मूवमेंट भी कहा जाता है। 2005 में 24 अक्टूबर को रोजा पार्क्स की 92 वर्ष की उम्र में मौत हो गई।