राजकोट, 22 अक्टूबर (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 31 अक्टूबर को राजकोट के खोडलधाम आएंगे। सूत्रों के अनुसार इस दिन वे लेउवा पाटीदार की कुलदेवी खोडियार माता का दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त करेंगे। प्रधानमंत्री मंदिर पर ध्वजा भी चढाएंगे।
सौराष्ट्र की राजनीति की धुरी समान खोडलधाम आने का आमंत्रण मंदिर ट्रस्टियों की ओर से पूर्व में दिया जा चुका है। शनिवार को खोडलधाम के अध्यक्ष नरेश पटेल और अन्य दो ट्रस्टियों की प्रधानमंत्री से मुलाकात ने इस बात को और भी मजबूत कर दिया है।
जानकारी के अनुसार खोडलधाम के अध्यक्ष नरेश पटेल के भाजपा में शामिल होने की पिछले कुछ महीनों से लगातार चर्चा चल रही थी। इस संबंध में नरेश पटेल ने समाज से रायशुमारी के बाद राजनीति में आने का विचार बाद में त्याग दिया था। हालांकि उनकी नजदीकियां भाजपा के साथ बनी हुई हैं। इसी वजह से पिछले कुछ समय से उनकी ओर से प्रधानमंत्री के खोडलधाम आने का न्योता देने के लिए केन्द्रीय मंत्रियों के साथ समन्वय कर सम्पर्क साधा जा रहा था।
शनिवार को प्रधानमंत्री से मिलने वालों में अध्यक्ष नरेश पटेल के साथ दो ट्रस्टियों रमेश टीलाला और दिनेश कुंभाणी के शामिल होने की बात कही जा रही है। हालांकि चुनावी माहौल में प्रधानमंत्री के खोडलधाम आने की खबर लीक होने को लेकर कुछ ट्रस्टियों के नाराज होने की बात भी कही जा रही है। प्रधानमंत्री के खोडलधाम आने का पूरा कार्यक्रम गुप्त रूप से तैयार किया जा रहा था। सौराष्ट्र की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करने वाले लेउवा पाटीदार इस बार भी भाजपा के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं।
कांग्रेस ने पिछले विधानसभा चुनाव में सौराष्ट्र की 55 प्रतिशत सीटें 33 प्रतिशत पटेलों का साथ मिलने से जीती थी। पटेल आंदोलन के चलते 33 प्रतिशत पाटीदारों ने कांग्रेस का दामन थामा था, जिससे यहां की 54 सीटों में से कांग्रेस ने 30 और भाजपा ने 23 सीटें हासिल की थीं। हालांकि तब दक्षिण गुजरात की 35 सीटों में से 27 सीटें मिलने से भाजपा सत्ता बचा सकी थी और 182 में से 99 सीट हासिल कर कांग्रेस की 77 सीट से महज 22 सीट ही आगे रही थी।