अडालज के त्रिमंदिर में मिशन स्कूल ऑफ एक्सीलेंस का किया शुभारंभ
-राष्ट्रीय शिक्षा नीति के कार्यान्वयन के लिए पीएम-श्री स्कूल होंगे मॉडल स्कूल
गांधीनगर/नई दिल्ली, 19 अक्टूबर (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को कहा कि 5-जी स्मार्ट सुविधाएं, स्मार्ट क्लासरूप, स्मार्ट टीचिंग से आगे बढ़कर हमारी शिक्षा व्यवस्था को अगले स्तर पर ले जाएगी। अब वर्चुअल रिएलिटी, इंटरनेट ऑफ थिंग्स की ताकत को भी स्कूलों में अनुभव किया जा सकेगा।
प्रधानमंत्री गांधीनगर के अडालज के त्रिमंदिर में मिशन स्कूल ऑफ एक्सीलेंस का शुभारंभ करने के बाद कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस मिशन की परिकल्पना कुल 10,000 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ की गई है। कार्यक्रम के दौरान, प्रधानमंत्री ने लगभग 4260 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का भी शुभारंभ किया। मिशन गुजरात में नई कक्षाओं, स्मार्ट क्लास रूम, कंप्यूटर लैब की स्थापना और राज्य में स्कूलों के बुनियादी ढांचे के समग्र उन्नयन के माध्यम से शिक्षा के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने में मदद करेगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि मिशन स्कूल ऑफ एक्सीलेंस गुजरात में शिक्षा के बुनियादी ढांचे को बढ़ाने में मदद करेगा। आज गुजरात अमृत काल की अमृत पीढ़ी के निर्माण की तरफ बहुत बड़ा कदम उठा रहा है। विकसित भारत के लिए, विकसित गुजरात के निर्माण की तरफ ये एक मील का पत्थर सिद्ध होने वाला है।
उन्होंने कहा कि 5जी पूरे भारत में एक बदलाव की शुरुआत करेगा। उन्होंने कहा कि हमने इंटरनेट की फर्स्ट जी से लेकर 4जी तक की सेवाओं का उपयोग किया है। अब देश में 5जी बड़ा बदलाव लाने वाला है। आज 5जी स्मार्ट सुविधाएं, स्मार्ट क्लासरूप, स्मार्ट टीचिंग से आगे बढ़कर हमारी शिक्षा व्यवस्था को अगले स्तर पर ले जाएगा। अब वर्चुअल रिएलिटी, इंटरनेट ऑफ थिंग्स की ताकत को भी स्कूलों में अनुभव किया जा सकेगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने गुजरात में शिक्षा क्षेत्र में सुधार के लिए किए गए विभिन्न उपायों का जिक्र किया। पिछले 2 दशकों में गुजरात में शिक्षा के क्षेत्र में जो बदलाव आया है, वह अभूतपूर्व है। 20 साल पहले, 100 में से 20 बच्चे स्कूल नहीं जाते थे। बड़ी संख्या में जो स्कूल जाते थे, वे आठवीं कक्षा तक पहुंचते-पहुंचते स्कूल छोड़ देते थे। लड़कियों की स्थिति और भी खराब थी। ऐसे गांव थे जहां लड़कियों को स्कूल नहीं भेजा जाता था। आदिवासी क्षेत्रों में, जो कुछ शिक्षा केंद्र उपलब्ध थे, उनमें विज्ञान पढ़ाने की कोई सुविधा नहीं थी।
मोदी ने कहा कि दो दशकों में गुजरात के लोगों ने अपने राज्य शिक्षा का कायाकल्प करके दिखा दिया है। इन दो दशकों में गुजरात में सवा लाख से अधिक नए क्लारूम बने, दो लाख से ज्यादा शिक्षक भर्ती किए गए हैं। उन्होंने कहा कि गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए मैंने गांव-गांव जाकर खुद, सभी लोगों से अपनी बेटियों को स्कूल भेजने का आग्रह किया था। परिणाम ये हुआ है कि आज गुजरात में करीब-करीब हर बेटा-बेटी स्कूल पहुंचने लगा है, स्कूल के बाद कॉलेज जाने लगा है। उन्होंने कहा कि गुजरात में शिक्षा के क्षेत्र में, हमेशा ही कुछ नया, कुछ यूनीक और बड़े प्रयोग किए गए हैं। गुजरात में पहली बार टीचर ट्रेनिंग यूनिवर्सिटी, इंस्टीट्यूट ऑफ टीचर्स एजुकेशन की स्थापना हमने की थी।
मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार ने पूरे देश में साढ़े 14 हजार से अधिक पीएम श्री स्कूल बनाने का फैसला किया है। ये स्कूल पूरे देश में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के लिए मॉडल स्कूल होंगे। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति गुलामी की मानसिकता से देश को बाहर निकालकर टैलेंट और इनोवेशन को निखारने का प्रयास है। उन्होंने कहा कि भारतीय भाषाआों में भी विज्ञान, प्रौद्योगिकी और मेडिकल की पढ़ाई का विकल्प अब विद्यार्थियों को मिलना शुरू हो गया है। गुजराती सहित अनेक भारतीय भाषाओं में पाठ्यक्रम बनाने के लिए प्रयास चल रहे हैं।
उन्होंने कहा कि अंग्रेजी भाषा सीखना बौद्धिक होने का पर्याय बन गया है जबकि भाषा संचार का माध्यम है। आज एक गरीब मां जो अपने बच्चों को अंग्रेजी भाषा में शिक्षित करने में असमर्थ थी, वह भी अपने बच्चों को डॉक्टर और इंजीनियर बनाने का सपना देख सकती है।