नई दिल्ली, 17 अक्टूबर (हि.स.)। सन्त कबीर की जन्म स्थली वाराणसी में सुर संगम जयपुर द्वारा आयोजित कबीर उत्सव की शुरुआत हुई । केंद्रीय संस्कृति और संसदीय राज्य मंत्री अर्जुन मेघवाल ने समारोह का उद्घाटन किया। इस कार्यक्रम में संस्कृति राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल का एक अलग ही अंदाज देखने को मिला और उन्होंने स्वयं कबीर के दोहे, पद और मनभावन भजन गाये और उनमें निहित भावों को भी बताया।
इन अवसर पर अपने उद्बोधन में मुख्य अतिथि अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि कबीर विद्रोही नहीं सनातन संस्कृति के अद्भुत ध्वजवाहक रहे हैं। उन्होंने विभिन्न सामाजिक परिस्थितियों का विश्लेषण करते हुए, कबीर के दृष्टांतों का उदाहरण दिया। कबीर के दोहों से जोड़ते हुए चिंतन और मंथन के माध्यम से स्वयं के और समाज का मूल्यांकन हेतु कबीर को सर्वकालिक सर्वश्रेष्ठ व्यक्तित्व बताते हुए मेघवाल ने भारतीय संस्कृति की विशालता और महानता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कबीर के बहुआयामी व्यक्तित्व के साथ सनातन परम्परा एवं भगवान राम के बारे में कबीर के दर्शन को भी प्रस्तुत किया।
स्वागत भाषण में सुर संगम के अध्यक्ष के. सी. मालू ने बताया कि कबीर उत्सव के आयोजन का मुख्य उद्देश्य कबीर के मौलिक चरित्र, उनके पद, दोहे, साखियों, उलटबांसियों आदि के संगीतमय गायन व नृत्य प्रस्तुति के माध्यम से जनता के समक्ष रखना है। उन्होंने कहा कि मध्ययुगीन भक्ति साहित्य धारा के महान संत कबीर के विचार और कथन आज भी प्रासंगिक है।
इस अवसर पर वाराणसी के मारवाड़ी युवा मंच की सभी शाखाओं वाराणसी, गंगा, काशी, वरुणा, अन्नपूर्णा, काशी शिवा व उदया के सदस्यों के साथ साथ, कबीर के अनुगामी, विशिष्ट जन, रोटरी क्लब वाराणसी सेंट्रल, पब्लिक रिलेशन्स सोसाइटी ऑफ इंडिया, भारत विकास परिषद, काशी जेसीज, सेठ एम आर जैपुरिया स्कूल्स बनारस बाबतपुर कैम्पस और काशी हिंदु विश्वविद्यालय संगीत विभाग के छात्र छात्राएं, संगीत प्रेमी इत्यादि बड़ी संख्या में सम्मिलित हुए ।