काहिरा, 16 अक्टूबर (हि.स.)। मिस्र दौरे पर गए विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने वहां भारतीय प्रवासियों से मुलाकात कर भारत में हो रहे बदलाव के बारे में जानकारी दी। उन्होंने प्रवासी भारतीयों को दोनों देशों के बीच पारंपरिक रूप से मजबूत हो रहे संबंधों के बारे में भी अवगत कराया।
काहिरा में भारतीय समुदाय के साथ शनिवार को संवाद के दौरान डॉ. जयशंकर ने भारत में व्यापार और निवेश, सम्पर्क, शिक्षा, स्वास्थ्य और कई अन्य क्षेत्रों में नए अवसरों को लेकर बात रखी। विदेश मंत्री ने कहा कि लंबे समय बाद मिस्र इस साल भारत से गेहूं का आयात कर रहा है। उन्होंने कहा कि अच्छी बात यह है कि दोनों देशों के बीच व्यापार संतुलित रहा है। इसलिए दोनों पक्ष इसे और बेहतर करने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत और मिस्र के बीच रिश्ते अच्छे हैं और हर क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं।
काहिरा में भारतीय दूतावास की वेबसाइट के मुताबिक मिस्र में भारतीय समुदाय की संख्या 3200 है जिनमें से अधिकतर लोग राजधानी में ही रहते हैं। कुछ लोग अलेक्जेंड्रिया, पोर्ट सईद और इस्माइलिया में भी रहते हैं।भारत के ज्यादातर नागरिक या तो भारतीय कंपनियों में काम करते हैं या फिर विभिन्न बहुराष्ट्रीय कंपनियों के साथ जुड़े हैं। करीब 400 भारतीय विद्यार्थी मिस्र में पढ़ रहे हैं जिनमें से 275 विद्यार्थी अल अज़हर विश्वविद्यालय में पढ़ाई कर रहे हैं जबकि शेष ऐन शम्स मेडिकल विश्वविद्यालय और काहिरा विश्वविद्यालय से शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।
जयशंकर ने भारत के राष्ट्रीय हितों को आगे बढ़ाने और क्षेत्र में देश की छवि को आकार देने के लिए प्रवासी भारतीयों का आभार जताया। एक सवाल के जवाब में जयशंकर ने कहा कि भारत में विभिन्न विशिष्ट क्षेत्रों में निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए आज विभिन्न योजनाएं हैं। विदेश मंत्री ने कहा कि आने वाले वर्षों में भारत और अधिक आत्मनिर्भर तथा अधिक मजबूत बनेगा।
जयशंकर ने कहा कि आज यूक्रेन में संघर्ष के कारण भोजन की कमी है और ऊर्जा को लेकर कठिनाइयां हैं। भारत जैसे बड़े देश के लिए यह सब एक सबक है। देश में आजीविका में छोटे से बदलाव होने से भी लोगों को असर पड़ता है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत कई देशों के लिए चिकित्सा केंद्र है और न सिर्फ पड़ोसी देशों से बल्कि, खाड़ी, पूर्वी अफ्रीका तथा मध्य एशिया से भी लोग अपना इलाज कराने के लिए भारत आते हैं। विदेश मंत्री ने कहा कि दुनिया की फार्मेसी के तौर पर भारत की प्रतिष्ठा बढ़ी है।