भुवनेश्वर, 15 अक्टूबर (हि.स.)। ओडिशा सरकार ने राज्य में संविदा कर्मियों को दीपावली से पहले बड़ा तोहफा दिया है। मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की अध्यक्षता में आज यहां हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में संविदा आधारित नियुक्तियों की प्रक्रिया को पूरी तरह से बंद करने का फैसला लिया गया। यह जानकारी मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने कैबिनेट की बैठक के बाद एक वीडियो संदेश जारी कर दी ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य मंत्रिमंडल ने इस व्यवस्था को हमेशा के लिए समाप्त करने का निर्णय किया है। उन्होंने कहा कि कुछ राज्यों में अभी भी नियमित नियुक्तियां बंद हैं और संविदा आधारित नियुक्तियां हो रही हैं। फिलहाल ओडिशा में अब संविदा आधारित नियुक्ति का युग समाप्त हो गया है। राज्य में सभी संविदा आधारित नियुक्तियों को नियमित किया जाएगा। रविवार को इस संबंध में विधिवत रूप से विज्ञप्ति जारी होगी। इससे 57 हजार से अधिक संविदा कर्मचारी नियमित होंगे। इस पर 13 सौ करोड़ रुपये की अतिरिक्त धनराशि खर्च होगी। एक तरह से उन परिवारों के लिए दीपावली से पूर्व ही त्योहार आ गया है ।
उन्होंने कहा कि 2000 में जब वह सत्ता में आये थे, तब राज्य में आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी। तब वित्तीय प्रबंधन काफी मुश्किल था। प्रदेश ओवर ड़्राफ्ट से चल रहा था। प्रतिदिन का खर्च चलाने के लिए सरकार को रिजर्व बैंक पर निर्भर रहना पड़ता था। ओडिशा के लिए वह बुरा दौर था। राज्य का राजकोष खाली था। तब विभिन्न क्षेत्रों में ओडिशा काफी पीछे था। बाढ़ और तूफान जैसी प्राकृतिक आपदा द्वारा स्थिति और खराब हो रही थी। सीमित संसाधनों में आर्थिक स्थिति को बेहतर करना बड़ी चुनौती थी। उस समय नियुक्ति पूरी तरह बंद थी। यह मेरे लिए काफी कष्टदाय़क था। राज्य के युवा रोजगार से वंचित थे। मेरी चिंता थी कि कब राज्य की आर्थिक स्थिति सुधरेगी तथा राज्य के युवाओं को नियमित रोजगार मिलेगा। उत्तम आर्थिक प्रबंधन व सुशासन के जरिये स्थिति में अब सुधार आ गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2013 से संविदा आधारित नियुक्ति प्रारंभ की गई। हालांकि वह निर्णय भी मेरे लिए कठिन था। अब हमारी अर्थव्यवस्था में सुधार आया है। विकास के क्षेत्र में ओडिशा को नयी पहचान मिली है। आज संविदा आधारित नियुक्ति को पूरी तरह समाप्त करने का ऐतिहासिक निर्णय किया गया है।