मुंबई, 13 अक्टूबर (हि.स.)। शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे पार्टी) ने गुरुवार को चुनाव आयोग पर भेदभाव का गंभीर आरोप लगाते हुए चार पेज का पत्र भेजा है। इस पत्र में ठाकरे समूह को पार्टी के चुनाव चिह्न और नाम के आवंटन में पक्षपात का आरोप लगाया गया है।
शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) की नेता किशोरी पेडणेकर ने बताया कि चुनाव आयोग पक्षपातपूर्ण व्यवहार कर रहा है। हम जो भी कागजपत्र चुनाव आयोग को सौंप रहे हैं, वह सभी कागज चुनाव आयोग हमारे विरोधी समूह तक पहुंचा रहा है। विरोधी समूह की ओर से दिए गए कागजपत्र की जानकारी चुनाव आयोग हमें नहीं दे रहा है। इतना ही नहीं चुनाव आयोग हमें कोई भी कागजपत्र तत्काल देने का आदेश जारी करता है, जबकि हमारे विरोधी को कागज पत्र पेश करने के लिए समय दिया जाता है। हमारा विरोधी समूह कोई भी चुनाव नहीं लड़ रहा है, जबकि उसे उसकी मांग के अनुसार चुनाव चिह्न और नाम आवंटित कर दिए गए, जबकि इसमें भी हमारे साथ अन्याय किया गया है।
बताया जा रहा है कि इन सभी 12 मुद्दों को शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे ) ने अपने पत्र में शामिल किया है और यह पत्र शिवसेना के वकील ने दिल्ली स्थित चुनाव आयोग के कार्यालय में पेश कर दिया है।
इस संबंध में बालासाहेब की शिवसेना के नेता शंभूराजे देसाई ने कहा कि चुनाव आयोग एक स्वायत्त संस्था है। इसके कामकाज पर इस तरह सवाल खड़ा नहीं किया जाना चाहिए। चुनाव आयोग ने शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) को उनकी मांग के अनुसार ही चुनाव चिन्ह और नाम दिया है।