मीटू कैंपेन में फंसे फिल्म निर्माता और निर्देशक साजिद खान को रियलिटी शो ‘बिग बॉस’ से हटाने की मांग जोर पकड़ने लगी है। उनकी खिलाफत करने वालों की कतार लंबी होती जा रही है। वहीं शो के निर्माता उन्हें शो से निकालने से इनकार कर रहे हैं, क्योंकि वे इसी विवाद के चलते टीआरपी और ज्यादा से ज्यादा दर्शकों को शो की तरफ खींचना चाहते हैं। वहीं विवाद को बढ़ता देख ‘फेडरेशन ऑफ वेस्टर्न इंडिया सिने एम्प्लॉइज’(एफडब्लयूआईसीई) ने अपना स्पष्टीकरण जारी किया है।
हैशटैग मी टू मूवमेंट के दौरान कई महिला पत्रकारों और अभिनेत्रियों ने साजिद खान द्वारा कथित यौन उत्पीड़न के खिलाफ आवाज उठाई थी, जिसके बाद 2018 में एफडब्लयूआईसीई ने साजिद खान पर एक साल का बैन लगा दिया था। हालांकि 2019 में उन पर से ये प्रतिबंध हटा दिया गया था, लेकिन उसके बाद भी साजिद खान इंडस्ट्री से दूर चल रहे थे। ऐसे में उन्होंने बिग बॉस के जरिए इंडस्ट्री में वापसी करने का फैसला किया था, लेकिन शो में उनकी एंट्री को लेकर हंगामा खड़ा हो गया है। इसे देखते हुए एफडब्लयूआईसीई ने सफाई दी है कि साजिद खान पर अब फिल्म इंडस्ट्री में किसी भी तरह के प्रोजेक्ट पर काम करने कोई प्रतिबंध नहीं है।
इसके बाद भी जब विवाद नहीं थमा तो एफडब्लयूआईसीई ने केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर को पत्र लिखा है। इसमें कहा गया है कि भारतीय फिल्म और टेलीविजन निदेशक संघ को साजिद के खिलाफ शिकायतें मिली थीं, जिसकी वजह से साजिद पर एक साल का प्रतिबंध लगा था, लेकिन अब वे एक साल सजा काट चुके हैं, इसलिए उन्हें काम करने की अनुमति दे दी गई है। एफडब्लयूआईसीई ने इस मामले पर अनुराग ठाकुर से उचित कदम उठाने की बात कही है।
उधर, दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर को पत्र लिखकर फिल्म निर्माता और निर्देशक साजिद खान को रियलिटी शो ‘बिग बॉस’ से हटाने की मांग करते हुए इस मामले में कड़ा स्टैंड लेने और पीड़िताओं का साथ देने का अनुरोध किया है। ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में यह विवाद कैसे शांत होता है।