12HNAT36 कृषि क्षेत्र देश की रीढ़ : तोमर
नई दिल्ली, 12 अक्टूबर (हि.स.)। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि कृषि क्षेत्र हमारे देश की रीढ़ है। हमारी ग्रामीण अर्थव्यवस्था और कृषि की अर्थव्यवस्था में इतनी ताकत है कि प्रतिकूल परिस्थितियों में भी देश आसानी से पार पा सकता है।
तोमर ने बुधवार को एसोसिएटेड चेम्बर आफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री आफ इंडिया (एसौचेम) की ओर से “कृषि उत्पादकता बढ़ाने के लिए उन्नत बीज और कृषि सामग्री एकीकरण” विषय पर आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन को वर्चुअल माध्यम से संबोधित करते हुए कहा कि कोविडकाल में देश के 80 करोड़ लोगों को भारत सरकार ने खाद्यान्न सुरक्षा प्रदान की, साथ ही मित्र देशों की मदद भी की। आज अधिकांश कृषि उत्पादों के मामले में हम दुनिया के पहले या दूसरे स्थान पर हैं। इसके बावजूद कृषि क्षेत्र के समक्ष कुछ चुनौतियां हैं। कृषि उन्नत खेती में बदले, कृषि में टेक्नालॉजी का प्रयोग हो व इसकी निरंतरता बनी रहे, इस दिशा में काम करने की जरूरत है।
तोमर ने कहा कि आज कृषि के समक्ष मौजूद चुनौतियों पर विचार करने की जरूरत है। सभी तरह की अनुकूलताओं के बाद भी कृषि का क्षेत्र और उसकी लाभ-हानि प्रकृति पर काफी निर्भर करती है। खेती के प्रति लोगों की उत्सुकता व लगाव बढ़ना चाहिए, खेती अगली पीढ़ी के लिए आकर्षक हो और खेती करने वालों को खेती के लिए रोका जा सके, इस दिशा में और अधिक काम करने की जरूरत है।
तोमर ने कहा कि किसानों और बाजार के बीच की दूरी कम करने, ग्रामीण इलाकों में इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध कराने, बिचौलियों के दखल खत्म करने के लिए सरकार काम कर रही है। उन्होंने कहा कि देश में छोटे किसानों की संख्या अधिक है, जिनके पास छोटा रकबा है व निवेश के लिए राशि नहीं है, ऐसे किसानों के लिए केंद्र सरकार 10 हजार नए किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) बना रही है, जिनके लिए 6,865 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है और छोटे-छोटे किसानों को जोड़ा जा रहा है। सरकार की कोशिश है कि किसान समूह में खेती करें, जिससे आदान की लागत कम आए, उत्पादन गुणवत्ता को सुधारा जा सके, छोटे किसान महंगी फसलों की ओर जा सकें व अपनी शर्तों पर उपज मूल्य प्राप्त कर सकें।