बिश्वनाथ (असम), 11 अक्टूबर (हि.स.)। असम और अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री लंबे समय से जारी सीमा विवाद को सुलझाने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध दिखाई दे रहे हैं। पिछले दिनों दोनों राज्यों सरकार ने स्थिति का आकलन कर रिपोर्ट तैयार करने के लिए क्षेत्रीय समितियों का गठन किया था। इस कड़ी में दोनों राज्य सरकारों के प्रतिनिधियों की सोमवार की शाम 6 बजे से शुरू हुई। यह बैठक मंगलवार की सुबह 4.30 बजे तक लगभग 10 घंटे 30 मिनट तक चली।
बिश्वनाथ जिलाधिकारी कार्यालय के सभागार के बंद कमरे में मंत्री स्तर की बैठक रातभर चली। इस अहम बैठक में दो-दो मंत्रियों के साथ ही वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए। इस बैठक में अरुणाचल प्रदेश के कैबिनेट मंत्री तबा तदीर, विधायक ताना हाली तारा, वरिष्ठ पुलिस अधिकारी शामिल हुए। असम सरकार का प्रतिनिधित्व करने वाले मंत्री केशव महंत, बिहाली के विधायक रंजीत दत्ता, गहपुर के विधायक उत्पल बोरा और लखीमपुर जिला प्रशासन के अधिकारी मौजूद रहे।
मंत्री केशव महंत ने 10 घंटे से अधिक समय तक चली बैठक के अंत में सुबह यह जानकारी दी। उन्होंने बताया है कि असम के ढकुआखाना विधानसभा से बगीबिल को शामिल करते हुए बिश्वनाथ जिला के सीमावर्ती सभी विधानसभा क्षेत्रों के इलाकों और अरुणाचल के कुल 28 राजस्व गांवों को लेकर चल रहे भूमि विवाद को समाप्त करने के लिए दोनों राज्यों के मंत्री स्तर की बैठक में अहम निर्णय लिया गया।
उल्लेखनीय है कि इस लंबी बैठक के अंत में दोनों राज्यों के सीमावर्ती निवासियों के लिए मंत्री केशव महंत ने बताया कि अगर सीमा भूमि केंद्रित मुद्दे को लेकर किसी के मन में कभी डर रहा है तो उसका जल्द ही निपटान हो जाएगा। आज की बैठक में दोनों राज्यों के राजस्व अंचलाधिकारियों द्वारा तैयार सीमा से संबंधित कई रिपोर्टों की फिर से जांच सहित कई प्रस्तावों पर विचार किया गया है।
हालांकि, मंत्री केशव महंत ने कहा कि बैठक में लिए गए हर प्रस्ताव को दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों को सौंपा जाएगा और अगला फैसला लिया जाएगा।