ब्रसेल्स/पेरिस, 6 अक्टूबर (हि.स.)। ईरान में हिजाब के विरोध में उतरीं वहां की महिलाओं को वैश्विक समर्थन मिल रहा है। ताजा घटनाक्रम में एक यूरोपीय सांसद और आस्कर विजेता अभिनेत्रियों ने अपने बाल काटकर वीडियो शेयर कर विरोध जताया और आंदोलन कर रहीं ईरानी महिलाओं को अपना समर्थन दिया है।
स्ट्रासबर्ग में यूरोपीय संघ की डिबेट को संबोधित करते हुए स्वीडिश राजनेता अबीर अल सहलानी ने संसद में बहस के दौरान अपने बाल काट लिए और कहा कि हम लोग और यूरोपीय संघ के नागरिक, ईरान में पुरुषों और महिलाओं के खिलाफ सभी प्रकार की हिंसा को बिना शर्त और तत्काल रोकने की मांग करते हैं। जब तक ईरान की महिलाएं स्वतंत्र नहीं होंगी, हम आपके साथ खड़े रहेंगे।
अबीर अल सहलानी ने इस दौरान यूरोपीय संघ के सांसदों के सामने कैंची से अपने बाल काट दिए और कहा कि ईरान में मुल्लाओं की हुकूमत के हाथ खून से सने हैं। उनकी इस हरकत को देख सभी सांसद भी अवाक रह गए। अल सहलानी ने इस घटना का वीडियो अपने ट्विटर हैंडल पर पोस्ट किया है।
इसके अलावा आस्कर विजेता फ्रेंच अभिनेत्रियों जुलिएट बिनोचे, मैरिअन कोटिलर्ड समेत 50 से अधिक फ्रांसीसी महिला कलाकारों ने प्रतीकात्मक रूप से अपने बाल काटकर ईरान के हिजाब विरोधी आंदोलन का समर्थन किया है। महिलाओं की आबादी का समर्थन करने की बात कहते हुए जुलिएट बिनोशे ने बुधवार को वीडियो पोस्ट किए हैं। इसमें वह कैंची से अपने सिर के बाल काटते हुए दिख रही हैं। फ्रांसीसी अभिनेत्रियां इसाबेल अदजानी, बेरेनिस बेजो, जूलियट बिनोचे, लार कैलामी, मैरियन कोटिलार्ड, जूली गेएट, शार्लोट गेन्सबर्ग, इसाबेल हुपर्ट और एलेक्जेंड्रा लैमी उन लोगों में से थीं, जिन्होंने अपने बाल काटते हुए खुद की तस्वीरें साझा कीं।
हैशटैग हेयर फॉर फ्रीडम से इस तरह के तमाम वीडियो बहुप्रसारित हो रहे हैं। वहीं, बुधवार को इंटरनेट मीडिया पर ईरान के स्कूली छात्राओं का वीडियो प्रसारित हो रहा है, जिसमें तानाशाह की मौत का नारा लगाते दिख रही हैं।
नॉर्वे स्थित समूह ईरान ह्यूमन राइट्स एनजीओ के अनुसार, महसा अमिनी की मौत पर देशव्यापी विरोध प्रदर्शनों में 100 से अधिक लोग मारे गए हैं। ईरानी स्कूली छात्राओं और महिलाओं ने अमिनी की मौत के विरोध में अपने हिजाब को हटाकर और रैलियों का आयोजन करके बड़ी संख्या में प्रदर्शन किया है। कई महिलाओं ने सरकार विरोधी नारे लगाते हुए अपने बाल भी कटवा लिए हैं।
उल्लेखनीय है कि ईरान में 13 सितंबर को हिजाब न पहनने पर महसा अमीनी को इस्लामी पुलिस ने गिरफ्तार किया था। विरोध करने पर इस्लामी पुलिस ने महसा को इतना पीटा कि इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। इसके बाद पूरे ईरान में हिजाब विरोधी हिंसा भड़क उठी थी। बड़ी संख्या में पुरुषों ने भी महिलाओं के समर्थन में प्रदर्शन किया है। ईरान के सर्वोच्च नेता खमनेई का भी विरोध किया जा रहा है। इस बीच ईरानी सरकार ने दावा किया है कि हिजाब विरोधी प्रदर्शन के पीछे अमेरिका और इजरायल समेत पश्चिमी देशों का हाथ है।
ईरान ने ब्रिटेन के राजदूत को दूसरी बार किया तलब
ईरान ने ब्रिटेन के राजदूत सिमन शेरक्लिफ को दूसरी बार समन जारी कर हिजाब विरोधी आंदोलन को भड़काने का आरोप लगया है। यह समन ब्रिटेन के विदेश मंत्री जेम्स क्लीवर्ली द्वारा ईरानी प्राधिकारियों से शांतिपूर्ण प्रदर्शन का सम्मान करने व गलत तरीके से हिरासत में लिए गए प्रदर्शनकारियों को छोड़ने के अनुरोध करने के दो दिन बाद आया है।