06HNAT48 प्राकृतिक खेती को मिशन मोड में अपनाने से हम अगली पीढ़ी के लिए धरती को छोड़ पाएंगे सुरक्षितः शिवराज
– केन्द्रीय गृह मंत्री शाह की अध्यक्षता में प्राकृतिक खेती और डिजिटल कृषि पर हुई बैठक में वर्चुअली शामिल हुए मुख्यमंत्री चौहान
भोपाल, 6 अक्टूबर (हि.स.)। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्राकृतिक खेती और डिजिटल कृषि के अभियान को मिशन मोड में चलाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार जताते हुए कहा कि इस पवित्र लक्ष्य से हम आने वाली पीढ़ियों के लिए धरती को सुरक्षित स्वरूप में छोड़ पाएंगे। इन अभियानों से मानव जीवन के साथ जीव-जन्तुओं की सुरक्षा की व्यवस्था भी होगी। मध्य प्रदेश में प्राकृतिक खेती की दिशा में 2021 से कार्य आरंभ हुआ और अब तक 59 हजार से अधिक किसान इस अभियान से जुड़ चुके हैं।
मुख्यमंत्री चौहान गुरुवार को केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में नई दिल्ली में प्राकृतिक खेती और डिजिटल कृषि पर हुई बैठक को अपने कैंप कार्यालय से वर्चुअली संबोधित कर रहे थे। बैठक में केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर, केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा रसायन एवं उर्वरक मंत्री मनसुख मांडविया भी उपस्थित थे। बैठक में कई राज्यों के कृषि मंत्रियों ने अपने-अपने राज्यों में प्राकृतिक खेती और डिजिटल कृषि क्षेत्र में संचालित गतिविधियों की जानकारी दी।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में प्राकृतिक खेती अपनाने वाले किसानों को प्रोत्साहन और मार्गदर्शन उपलब्ध कराने के लिए कृषि विभाग का अमला किसानों से लगातार संपर्क में है। किसान भाई सरलता से प्राकृतिक खेती कर पाएँ, इस उद्देश्य से किसान भाइयों को देशी गाय पालने के लिए प्रोत्साहन स्वरूप प्रतिमाह नौ सौ रुपये उपलब्ध कराए जा रहे हैं। कृषि पाठ्यक्रमों में स्नातक और स्नातकोत्तर कर रहे विद्यार्थियों को प्राकृतिक खेती से जोड़ा जा रहा है। डिजिटल कृषि के क्षेत्र में ई-उपार्जन और फसल बीमा योजना से कृषकों के लिए प्रक्रियाओं को सरल बनाया गया है। किसान को घर और खेत से ही कृषि उपज विक्रय की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है।
बैठक में केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि प्राकृतिक खेती और डिजिटल कृषि के क्षेत्र में विभिन्न राज्यों द्वारा किए जा रहे नवाचार एक दिशा में हों, इसी उद्देश्य से आज की बैठक की गई है। प्राकृतिक खेती गाय पर आधारित परंपरागत खेती है, जो धरती के सभी तत्वों के संरक्षण पर आधारित है। उन्होंने कृषि विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रम में प्राकृतिक खेती को सम्मिलित करने, कृषि विभाग के विस्तार कर्मचारियों को प्राकृतिक खेती पर किसान का सकारात्मक मानस निर्मित करने, सफल प्राकृतिक खेती वाले गाँवों में किसान का भ्रमण कराने जैसी गतिविधियों को मिशन मोड में अपनाने और गौ-शालाओं को प्राकृतिक खेती से जोड़ने का सुझाव दिया। केन्द्रीय मंत्री शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की दूरदर्शिता के परिणामस्वरूप ही भारत में डिजिटल कृषि से संबंधित गतिविधियों का क्रियान्वयन शुरू हो पाया है।
केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि पात्र व्यक्ति का हक उस तक पारदर्शिता के साथ निर्बाध रूप से पहुँचे, यह सुनिश्चित करने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी प्रतिबद्ध हैं। केन्द्र और राज्य सरकार की योजनाओं के क्रियान्वयन में डिजिटल कृषि से क्रांतिकारी परिवर्तन आएगा। प्राकृतिक खेती अपनाने के लिए किसानों का मानस बनाने और उन्हें प्रशिक्षण उपलब्ध कराने के लिए सघन प्रयास किए जा रहे हैं।
केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण और रसायन एवं उर्वरक मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि रासायनिक उर्वरकों का मानव स्वास्थ्य पर घातक प्रभावों को देखते हुए प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित करना आवश्यक है। रासायनिक उर्वरकों के अधिक उपयोग से उत्पादन तो बढ़ा है, पर इससे खाद्य सामग्री का पोषण असंतुलन भी बढ़ा है। प्राकृतिक खेती के उत्पाद, स्वास्थ्य की दृष्टि से लाभप्रद हैं।
बैठक में हुए प्रस्तुतिकरण में बताया गया कि प्रधानमंत्री मोदी ने प्राकृतिक खेती में गाय के गोबर, मूत्र और वनस्पति के उपयोग से रसायन मुक्त पारंपरिक खेती को जन-आंदोलन बनाने का आह्वान किया है। प्राकृतिक खेती मिट्टी की सेहत और जलवायु परिवर्तन की दृष्टि से अनुकूल है। इसमें लागत भी कम आती है।