05HBUS4 एयरलाइंस कंपनियों को ईसीएलजीएस के तहत 1500 करोड़ रुपये कर्ज की अनुमति
-वित्त मंत्रालय ने कर्ज लेने की सीमा 400 करोड़ से बढ़ाकर 1,500 करोड़ रुपये की
नई दिल्ली, 5 अक्टूबर (हि.स)। वित्त मंत्रालय ने विमानन उद्योग को नकदी संकट से उबारने में मदद के लिए आपात ऋण सुविधा गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) में संशोधन किया है। मंत्रालय ने कोरोना महामारी से प्रभावित विमानन उद्योग को मिलने वाली इस योजना के तहत कर्ज की सीमा को 400 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 1,500 करोड़ रुपये कर दिया है।
वित्त मंत्रालय ने बुधवार को जारी एक बयान बताया कि वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस) ने एयरलाइंस कंपनियों के लिए अधिकतम ऋण राशि की पात्रता बढ़ाने के लिए मंगलवार को ईसीएलजीएस में संशोधन किया गया है। संशोधित ईसीएलजीएस 3.0 के अनुसार विमानन कंपनियों की पात्रता उनकी निधि-आधारित या गैर-निधि-आधारित कर्ज का एक सौ फीसदी या 1,500 करोड़ रुपये जो भी कम हो के आधार पर तय होंगी। देश के आर्थिक विकास के लिए एक कुशल और मजबूत नागरिक उड्डयन क्षेत्र को महत्वपूर्ण मानते हुए उठाया गया है।
उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार की ईसीएलजीएस योजना विमानन कंपनियों को मौजूदा नकदी प्रवाह की समस्याओं से निपटने के लिए उचित ब्याज दरों पर आवश्यक गिरवी-मुक्त नकदी की सुविधा देता है। इससे पहले मार्च, 2022 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2022-23 के केंद्रीय बजट में ईसीएलजीएस की अवधि को मार्च 2022 से बढ़ाकर मार्च 2023 कर दिया था।