05HNAT45 मुद्रा योजना के लाभार्थियों में 68 फीसदी महिलाएं
नई दिल्ली, 05 अक्टूबर (हि.स.)। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना और स्टैंड अप इंडिया योजना के लाभार्थियों में सबसे ज्यादा संख्या महिलाओं की है। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के अनुसार मार्च 2022 तक इन दोनों योजनाओं के तहत 18.60 लाख रुपये का ऋण दिया जा चुका है। इनमें से 68 प्रतिशत ऋण महिला उद्यमियों को दिया गया है, वहीं स्टैंड अप इंडिया योजना के दिए जाने वाले ऋण में 81 प्रतिशत से अधिक ऋण महिलाओं को दिया गया है।
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना और स्टैंड अप इंडिया योजना का मुख्य उद्देश्य महिलाओं, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोगों में उद्यमिता को बढ़ावा देना है। इस योजना के शुरुआत से अबतक 30160 करोड़ रुपये 133,995 खाता धारकों को दिए गए। मुद्रा योजना के तहत छोटे- मोटे कारोबार करने के लिए 10 लाख रुपये तक का ऋण दिया जाता है।
क्या है स्टैंड-अप इंडिया योजना
स्टैंड-अप इंडिया योजना के अंतर्गत कोई भी महिला या अनुसूचित जाति या जनजाति वर्ग में से नया कारोबार शुरू करना चाहे या सेटअप लगाना चाहे तो उसके लिए बैंक से 10 लाख रुपए से 1 करोड़ रुपए तक की सहायता राशि प्राप्त हो सकती है।
वहीं, प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत माइक्रो यूनिट्स डवलपमेंट एंड रिफाइनेंस एजेंसी (मुद्रा) लोन स्कीम भारत सरकार की एक पहल है जो व्यक्तियों को छोटे कारोबार शुरू करने के लिए लोन प्रदान करती है। इसके तहत 3 लोन योजनाएं ऑफर की जाती हैं जिनका नाम शिशु, किशोर और तरुण है। मुद्रा लोन योजना के तहत अधिकतम 10 लाख रु. तक की लोन राशि प्रदान की जाती है। मुद्रा लोन लेने के लिए आवेदक को बैंकों या लोन संस्थानों को कोई सिक्योरिटी जमा कराने की जरूरत नहीं होती है। इस लोन का भुगतान 5 साल तक किया जा सकता है।