वायु सेना प्रमुख ने चीन को किया आगाह- विवादित क्षेत्रों से पूरी तरह हटना होगा

– चीनियों के साथ संवाद करने के लिए भारतीय सेना की हॉटलाइन का उपयोग करेंगे

– यूक्रेन और रूस से युद्ध के बावजूद पुर्जों की किसी भी कमी को दूर करने में सक्षम होंगे

नई दिल्ली, 04 अक्टूबर (हि.स.)। वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल ने एक फिर चीन को आगाह किया है कि अगर एलएसी पर स्थिति सामान्य करनी है तो सभी विवादित क्षेत्रों से पूरी तरह से हटना होगा। हम एलएसी पर स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। हवाई क्षेत्र के उल्लंघन या अन्य मुद्दों के मामले में चीनियों के साथ संवाद करने के लिए भारतीय सेना की हॉटलाइन का उपयोग करेंगे।

एयर चीफ वीआर चौधरी मंगलवार को 90वें वायु सेना दिवस पर सालाना प्रेस कॉन्फ्रेंस को सम्बोधित कर रहे थे। कल चीन जाने वाले ईरानी विमान में बम के खतरे पर सवाल का जवाब देते हुए वायु सेना प्रमुख ने कहा कि सूचना मिलते ही प्रोटोकॉल का पालन किया गया था। आगे से हम किसी भी हवाई क्षेत्र के उल्लंघन या अन्य मुद्दों के मामले में चीनियों के साथ संवाद करने के लिए भारतीय सेना की हॉटलाइन का उपयोग करेंगे।

लगभग 10 माह बाद नियुक्त हुए चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) अनिल चौहान के बारे में सवाल करने पर वायु सेना प्रमुख ने कहा कि हम थिएटर कमांड बनाने की किसी प्रक्रिया का विरोध नहीं कर रहे हैं, हम उसके स्ट्रक्चर में कुछ बदलाव चाहते हैं। हम चाहते हैं कि यह फ्यूचर रेडी होना चाहिए। डिसिजन मेकिंग में लेयर्स कम होनी चाहिए। वायु सेना की क्षमता किसी भी वजह से कम नहीं होनी चाहिए।

एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि अगले दशक के मध्य में एयरफोर्स के पास 35-36 फाइटर स्क्वॉड्रन हो सकेंगी। श्रीनगर में मिग-21 बाइसन की जगह पर मिग-29 की स्क्वॉड्रन शिफ्ट की गई है। 30 सितंबर को श्रीनगर बेस्ड 51 स्क्वॉड्रन रिटायर हो गई थी जिसमें मिग-21 बाइसन फाइटर जेट थे। अगले साल एयरफोर्स में 10 फीसदी महिला अग्निवीरों की भर्ती की जाएगी। हम उन बेड़े को देख रहे हैं जहां हम उनका उपयोग कर सकते हैं और समय आने पर विकास कर सकते हैं।

यह पूछे जाने पर कि चीन ने एलएसी पर स्थिति सामान्य बताई है, इस पर एयर चीफ ने कहा कि एलएसी पर स्थिति सामान्य है, लेकिन यह कहने के लिए बेंचमार्क पहले की स्थिति में लौटना और सभी विवादित क्षेत्रों से पूरी तरह से लौटना होगा। फिर भी हम एलएसी पर स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। उन्होंने कहा कि एलएसी से लगे इलाकों में हम चीनी वायु सेना की गतिविधियों पर लगातार नजर रख रहे हैं।

उन्होंने बताया कि एलएसी पर हमने राडार और वायु रक्षा नेटवर्क की उपस्थिति बढ़ा दी है। समय पर उपयुक्त गैर-एस्कलेटर उपाय किए गए हैं। वायु सेना में एलसीए एमके 1 ए, एचटीटी -40 ट्रेनर, स्वदेशी हथियारों और विभिन्न रडारों के जल्द ही शामिल होने की उम्मीद है। एलसीएच प्रचंड को कल वायु सेना में शामिल किया गया है। मुझे विश्वास है कि हेलीकॉप्टर वायुसेना की स्ट्राइक क्षमता में इजाफा करेगा।

आईएएफ प्रमुख वीआर चौधरी ने कहा कि हम किसी भी हवाई क्षेत्र के उल्लंघन या अन्य मुद्दों के मामले में चीनियों के साथ संवाद करने के लिए भारतीय सेना की हॉटलाइन का उपयोग करेंगे। राफेल, एलसीए और एस-400 जैसी हाल ही में शामिल प्रणालियों के संचालन में तेजी लाने के साथ-साथ हम सक्रिय रूप से तैनात रहना जारी रखते हैं। वैश्विक परिदृश्य में हाल की घटनाओं ने स्पष्ट रूप से संकेत दिया कि निवारक के माध्यम से खतरों को दूर करने के लिए मजबूत सेना की उपस्थिति अनिवार्य है। हमें विश्वास है कि घरेलू उद्योगों के आगे बढ़ने के साथ हम उन पुर्जों की किसी भी कमी को दूर करने में सक्षम होंगे जो हम पारंपरिक रूप से यूक्रेन और रूस से हासिल करते रहे हैं।

वायु सेना के वाइस चीफ एयर मार्शल संदीप सिंह

उन्होंने बताया कि पिछले कई वर्षों में हम एस्ट्रा हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल और ब्रह्मोस मिसाइल जैसे स्वदेशी हथियारों के साथ Su-30 को अपग्रेड कर रहे हैं। सेंसर भी स्वदेशी हैं और हम इसे स्वदेशी रूप से कर रहे हैं। हमारे आस-पास का वातावरण प्रतिकूल बना हुआ है और भविष्य में भारतीय वायु सेना को लड़ाकू विमानों के 42 स्क्वाड्रन की आवश्यकता होगी। हमें चीन और पाकिस्तान का मामला भी देखना होगा।

इसके पहले ग्रुप कैप्टन ए राठी ने बताया कि पहली बार गाजियाबाद के हिंडन बेस के बाहर वायुसेना दिवस मनाया जाएगा। उन्होंने बताया कि चंडीगढ़ की सुखना झील के ऊपर 8 अक्टूबर को फ्लाईपास्ट में 74 विमान हिस्सा लेंगे, जिसमें सिंगल इंजन मिग-21 विमान, लड़ाकू, परिवहन विमान सहित हेलीकॉप्टर शामिल हैं। वायु सेना के बेड़े में कल शामिल हुआ एलसीएच ”प्रचंड” भी फ्लाई पास्ट में हिस्सा लेकर अपनी ताकत का प्रदर्शन करेगा।

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