03HINT10 काबुल में एक और धमाका, शुक्रवार के आत्मघाती हमले के 53 मृतकों में 46 बच्चियां व महिलाएं
काबुल, 3 अक्टूबर (हि.स.)। अफगानिस्तान में बम धमाके थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। शुक्रवार को राजधानी काबुल के एक शिक्षण संस्थान में हुए हमले का दर्द अभी कम नहीं हुआ था, कि सोमवार को फिर एक जोरदार धमाका हुआ। इस बीच संयुक्त राष्ट्र संघ की ओर से दावा किया गया है कि शुक्रवार को हुए आत्मघाती हमले में कुल 53 लोगों की जान गयी थी, जिनमें से 46 बच्चियां व महिलाएं थीं।
जानकारी के मुताबिक पश्चिमी काबुल में शाहिद माजरी रोड पर पुल- ए- सुख्ता इलाके के पास भीषण बम धमाका हुआ है। यह धमाका हजारा समुदाय की बहुलता वाले इलाके में हुआ है। धमाका सोमवार दोपहर दो बजे के आसपास हुआ। अफगानिस्तान की सत्ता पर काबिज तालिबान के अधिकारियों ने अभी तक विस्फोट पर कोई बयान जारी नहीं किया है।
यह विस्फोट ऐसे समय हुआ है, जब संयुक्त राष्ट्र संघ के अफगानिस्तान स्थित मिशन ने सोमवार को अपनी रिपोर्ट में बीते शुक्रवार को काज एजुकेशन सेंटर पर हुए आत्मघाती बम विस्फोट में कुल 53 लोगों की जान जाने की बात कही है। संयुक्त राष्ट्र का दावा है कि मरने वाले 53 लोगों में से 46 बच्चियां व महिलाएं हैं।
उल्लेखनीय है कि शुक्रवार को अफगानिस्तान राजधानी काबुल के शिया इलाके के एक शिक्षण संस्थान पर जबर्दस्त आत्मघाती आतंकी हमला किया गया। काबुल पुलिस के प्रवक्ता खालिद जादरान के मुताबिक पश्चिमी काबुल के दश्त-ए-बर्ची इलाके में स्थित काज एजुकेशन सेंटर में मौजूद विद्यार्थी विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा दे रहे थे, तभी स्थानीय समयानुसार सुबह साढ़े सात बजे आत्मघाती धमाका हुआ। शिक्षण संस्थान के आसपास बड़ी संख्या में हजारा समुदाय के लोग रहते हैं, जिन्हें मुस्लिम होते हुए भी अल्पसंख्यक माना जाता है।
अचानक हुए धमाकों के बाद वहां अफरातफरी मच गयी थी। पूरा शिक्षण संस्थान परिसर चीखों से गूंज उठा था। घटना की तस्वीरों और वीडियो में लहूलुहान पीड़ितों को घटनास्थल से ले जाते हुए देखा जा सकता था। धमाके के दौरान कक्षाओं में बच्चे मौजूद थे। तमाम शिक्षक बच्चों के शव उठाते देखे गए। धमाका इतना जोरदार था कि कई बच्चों के शव क्षत-विक्षत हो गए थे। भारी संख्या में हमले से प्रभावित लोगों को अली जिन्ना अस्पताल सहित आसपास के अस्पतालों में ले जाया गया था। संयुक्त राष्ट्र संघ की रिपोर्ट में कहा गया है कि घायलों में तमाम की हालत गंभीर है, इसलिए मरने वालों की संख्या और बढ़ सकती है।