नई दिल्ली, 28 सितंबर (हि.स.)। दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट ने रेलवे टेंडर घोटाला मामले के आरोपित और बिहार के उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को मिली जमानत को निरस्त करने के लिए सीबीआई की ओर से दाखिल याचिका पर जवाब दाखिल करने के लिए तेजस्वी यादव को समय दे दिया है। कोर्ट ने तेजस्वी को 18 अक्टूबर को कोर्ट में पेश होकर जवाब देने का निर्देश दिया है। स्पेशल जज गीतांजलि गोयल ने ये आदेश दिया।
सीबीआई ने आरोप लगाया है कि तेजस्वी यादव ने अगस्त महीने में प्रेस कांफ्रेंस कर कथित रूप से सीबीआई अधिकारियों को धमकी दी। इससे केस के प्रभावित होने की आशंका है। सीबीआई ने तेजस्वी यादव को रेलवे टेंडर घोटाला मामले में मिली जमानत को निरस्त करने की मांग की है।
उल्लेखनीय है कि 28 जनवरी, 2019 को कोर्ट ने ईडी की ओर से दर्ज केस में लालू यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव को नियमित जमानत दी थी। कोर्ट ने एक-एक लाख रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दी थी। 19 जनवरी, 2019 को कोर्ट ने सीबीआई की ओर से दर्ज केस में लालू यादव को नियमित जमानत दी थी। कोर्ट ने लालू यादव को एक लाख रुपये के मुचलके पर जमानत दी थी।
इस मामले में लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी समेत 16 लोगों को आरोपित बनाया गया है। ईडी ने जिन्हें आरोपित बनाया है उनमें लालू प्रसाद, राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव, मेसर्स लारा प्रोजेक्ट एलएलपी, सरला गुप्ता, प्रेमचंद गुप्ता, गौरव गुप्ता, नाथ मल ककरानिया, राहुल यादव, विजय त्रिपाठी, देवकी नंदन तुलस्यान, मेसर्स सुजाता होटल, विनय कोचर, विजय कोचर, राजीव कुमार रेलान और मेसर्स अभिषेक फाइनेंस प्राइवेट लिमिटेड हैं।
लालू यादव पर आरोप है कि उन्होंने रेलमंत्री रहते हुए रेलवे के दो होटलों को आईआरसीटीसी को ट्रांसफर किया और होटलों की देखभाल के लिए टेंडर जारी किये थे। रांची और पुरी के दो होटलों का आवंटन कोचर बंधु की कंपनी सुजाता होटल को ट्रांसफर कर दिया था।