एसएंडपी का वित्त वर्ष 2022-23 में आर्थिक वृद्धि दर 7.3 फीसदी रहने का अनुमान

– एजेंसी ने कहा, महंगाई दर वर्ष 2022 के अंत तक रह सकती है 6 फीसदी के ऊपर

नई दिल्ली, 26 सितंबर (हि.स)। वैश्विक रेटिंग्स एजेंसी एसएंडपी वित्त वर्ष 2022-23 में भारत की आर्थिक वृद्धि दर 7.3 फीसदी रहने का अनुमान जताया है। इसके साथ ही रेटिंग एजेंसी ने कहा कि महंगाई दर वर्ष 2022 के अंत तक छह फीसदी के ऊपर रह सकती है।

एसएंडपी ने सोमवार को जारी एशिया प्रशांत के लिए अपने आर्थिक पूर्वानुमानों में कहा कि अगले साल भारत की आर्थिक वृद्धि को घरेलू मांग में सुधार का समर्थन मिलेगा। रेटिंग्स एजेंसी ने कहा कि हमने चालू वित्त वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृ्द्धि दर पूर्वानुमान को 7.3 फीसदी और अगले वित्तीय वर्ष के लिए 6.5 फीसदी पर बनाए रखा है। हालांकि, एसएंडपी का कहना है कि इसमें कमी का जोखिम बना हुआ है।

दरअसल वैश्विक मंदी की आहट, उच्च महंगाई दर और बढ़ती नीतिगत ब्याज दरों के बीच अन्य रेटिंग्स एजेंसियों ने भी भारत के जीडीपी वृद्धि दर के अपने अनुमान में कटौती की है। इस महीने की शुरुआत में ही फिच रेटिंग्स ने चालू वित्त वर्ष के लिए आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को घटाकर 7 फीसदी रहने का अनुमान जताया है, जो इससे पहले 7.8 फीसदी था। इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च ने भी अपने पूर्वानुमान को 7 फीसदी से घटाकर 6.9 फीसदी कर दिया था। इसी तरह एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने अपने पूर्वानुमान को 7.5 फीसदी से घटाकर सात फीसदी कर दिया है।

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) को उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2022-23 (अप्रैल-मार्च) में भारतीय अर्थव्यवस्था 7.2 फीसदी की दर से बढ़ेगी। इसके अलावा हाल ही में देश के मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) वी. अनंत नागेश्वर ने भी चालू वित्त वर्ष में देश की अर्थव्यवस्था 7 फीसदी की दर से बढ़ने का अनुमान जताया है।

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