Dattatreya Hosabale:लोक परंपरा और वैज्ञानिक परंपरा के बीच विभाजन की आवश्यकता नहीं: दत्तात्रेय होसबाले

गुवाहाटी, 24 सितम्बर (हि.स.)। चार दिवसीय लोकमंथन-2022 के अंतिम दिन शनिवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि लोक परंपरा और वैज्ञानिक परंपरा के बीच विभाजन करने की कोई आवश्यकता नहीं है। वास्तविक जीवन में इस तरह के मतभेद मौजूद नहीं हैं। “राष्ट्र लोक (लोगों) का संघ, संस्कृति (कल्चर) और मातृभूमि (मदरलैंड) का मिलन है।

उल्लेखनीय है कि गुवाहाटी के पांजाबारी स्थित श्रीमंत शंकरदेव कलाक्षेत्र परिसर में गत 21 सितम्बर से आरंभ लोकमंथन-2022 के आज आयोजित समापन कार्यक्रम में हिस्सा लेते हुए सरकार्यवाह ने लोक परंपरा और संस्कृति पर अपने विचार व्यक्त करते हुए उपरोक्त बातें कहीं।

लोकमंथन का गुवाहाटी में तीसरा संस्करण आयोजित किया गया। इसमें पूर्वोत्तर के सभी राज्यों के साथ ही पूरे देश भर से बुद्धिजीवियों, प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।