गुवाहाटी, 24 सितम्बर (हि.स.)। चार दिवसीय लोकमंथन-2022 के अंतिम दिन शनिवार को केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा, “जब बाकी दुनिया ने महिलाओं को ‘कमजोर’ बनाया है तो दुनिया के इस (पूर्वोत्तर) हिस्से ने वास्तविक लोक संस्कृति को संरक्षित किया है, जो नारी शक्ति को ‘शक्ति’ मानती है। असम और केरल दोनों मातृ शक्ति पूजा को प्रमुखता देते हैं।”
उन्होंने कहा कि जो मानस से उत्पन्न हुआ है, उसे कभी भुलाया नहीं जा सकेगा। रामायण और महाभारत को हजारों वर्षों की पीढ़ियों में स्थानांतरित किया जाएगा। भारत विश्व में केवल इसलिए प्रथम नहीं बनेगा, क्योंकि हमें स्वतंत्रता मिली है। हमें हर मोर्चे पर आत्मनिर्भर और मजबूत बनना है।
राज्यपाल खान ने कहा, “भारतीय सभ्यता की एक सार्वभौमिक दृष्टि है। हमने कभी किसी को अलग नहीं किया था। हमने कभी भी धर्म या भाषा के मामले में किसी के साथ भेदभाव नहीं किया।”
उल्लेखनीय है कि गुवाहाटी के पांजाबारी स्थित श्रीमंत शंकरदेव कलाक्षेत्र परिसर में 21 सितम्बर से आरंभ लोकमंथन-2022 का आज समापन कार्यक्रम था। लोकमंथन का गुवाहाटी में तीसरा संस्करण आयोजित किया गया। इसमें पूर्वोत्तर के सभी राज्यों के साथ ही पूरे देश भर से बुद्धिजीवियों और अन्य प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।