नई दिल्ली, 22 सितंबर (हि.स.)। डॉलर के मुकाबले भारतीय मुद्रा रुपये ने आज गिरावट का नया रिकॉर्ड बनाया। रुपये में आई गिरावट की वजह से भारतीय मुद्रा पहली बार डॉलर के मुकाबले 81 रुपये के स्तर के करीब पहुंचकर बंद हुई। अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में बढ़ोतरी किए जाने के फैसले के बाद दुनियाभर की मुद्राओं में डॉलर के मुकाबले आई गिरावट के असर से रुपया भी अछूता नहीं रहा। डॉलर इंडेक्स के 20 साल के सबसे ऊपरी स्तर पर पहुंच जाने के कारण भारतीय मुद्रा ने आज डॉलर के मुकाबले 89 पैसे की कमजोरी के साथ 80.87 रुपये के रिकॉर्ड लो लेवल पर आज के कारोबार का अंत किया।
इंटर बैंक फॉरेन एक्सचेंज मार्केट में डॉलर के मुकाबले रुपया आज 31 पैसे की कमजोरी के साथ 80.29 के स्तर पर खुला। अमेरिकी अर्थव्यवस्था में मंदी की आशंका के कारण पिछले एक सप्ताह से पूरी दुनिया के मुद्रा बाजार में भूचाल की स्थिति बनी हुई थी। ऐसे में फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों में बढ़ोतरी करके अमेरिकी अर्थव्यवस्था में कमजोरी आने की आशंका को और बढ़ा दिया। इसी वजह से घरेलू शेयर बाजार में जहां विदेशी निवेशकों की ओर से जोरदार बिकवाली हुई, वहीं भारतीय मुद्रा बाजार में आज कारोबार की शुरुआत से ही डॉलर की मांग में तेजी बनी रही।
मुद्रा बाजार का काम शुरू होने के बाद आज जैसे-जैसे दिन का कारोबार आगे बढ़ा, वैसे-वैसे रुपये की कीमत में गिरावट भी बढ़ती गई। कारोबार शुरू होने के बाद कुछ ही देर में रुपया कमजोर होकर 80.35 रुपये प्रति डॉलर के स्तर पर आ गया। इस गिरावट के बाद कुछ देर के लिए डॉलर की मांग में कमी आने के संकेत भी मिले, जिससे रुपया रिकवर करके 80.27 के स्तर पर पहुंच गया, लेकिन ये स्थिति अधिक देर तक नहीं रही। डॉलर की मांग में एक बार फिर तेजी आई, जिसके कारण भारतीय मुद्रा दोपहर 11:30 बजे तक डॉलर के मुकाबले रिकॉर्ड गिरावट के साथ लुढ़क कर 80.67 रुपये के स्तर तक पहुंच गई।
रुपये की कीमत में आई इस गिरावट के बाद इस बात के संकेत भी मिले कि भारतीय रिजर्व बैंक रुपये को सहारा देने के लिए मुद्रा बाजार में हस्तक्षेप कर सकता है। संकेत इस बात के भी थे कि रुपये को और गिरने से बचाने के लिए रिजर्व बैंक अपने विदेशी मुद्रा भंडार से मुद्रा बाजार में डॉलर का प्रवाह बढ़ा सकता है। इस खबर के बाद एक बार फिर कुछ देर के लिए रुपये की कीमत स्थिर होती नजर आई, लेकिन थोड़ी देर बाद ही रुपया एक बार फिर गोता लगाते हुए नीचे गिरने लगा। दिनभर गिरावट के नए प्रतिमान स्थापित करने के बाद रुपये ने डॉलर के मुकाबले कमजोरी का आज का आखिरी रिकॉर्ड बनाते हुए 89 पैसे की कमजोरी के साथ 80.87 रुपये प्रति डॉलर के रिकॉर्ड लो लेवल पर आज के कारोबार का अंत किया।
आपको बता दें कि डॉलर के मुकाबले भारतीय मुद्रा रुपये में इस साल लगातार गिरावट का रुख बना रहा है। साल 2022 में रुपया डॉलर के मुकाबले करीब 10 प्रतिशत तक टूट चुका है। पिछले एक पखवाड़े में ही डॉलर के मुकाबले भारतीय मुद्रा की कीमत में 1.35 रुपये की कमजोरी आ चुकी है। माना जा रहा है कि अमेरिका में लगातार बढ़ती महंगाई और उसकी वजह से यूएस फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में की जा रही बढ़ोतरी के कारण डॉलर के मुकाबले दुनियाभर की ज्यादातर प्रमुख मुद्राएं प्रभावित हुई है।
यूएस फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में बढ़ोतरी करने से अमेरिकी निवेशकों ने दुनियाभर के बाजारों से अपना पैसा समेटना शुरू कर दिया है, जिसके कारण डॉलर इंडेक्स 20 साल के सर्वोच्च स्तर पर पहुंच गया है। इस वजह से डॉलर के मुकाबले दुनियाभर की तमाम मुद्राएं कमजोर होकर कारोबार कर रही हैं। सिर्फ प्रमुख एशियाई मुद्राओं की ही बात करें तो आज जापान की करेंसी येन में 0.57 प्रतिशत, चीन की करेंसी रेनमिन्बी में 0.62 प्रतिशत, थाईलैंड की करेंसी थाई भाट में 0.51 प्रतिशत और फिलीपींस की करेंसी पेसो में 0.73 प्रतिशत की गिरावट आ चुकी है।
जानकारों का मानना है कि यूएस फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में 0.75 प्रतिशत की वृद्धि का ऐलान करने तथा साल 2023 तक ब्याज दरों के 4.6 प्रतिशत के स्तर तक ले जाने का अनुमान जताए जाने के बाद से ही इस बात का अनुमान लगाया जाने लगा है कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था तेजी से मंदी की ओर बढ़ती जा रही है। ऐसी स्थिति में अमेरिकी निवेशकों ने दुनियाभर के बाजारों में बिकवाली तेज कर दी है। इससे न केवल ज्यादातर शेयर बाजार गिरावट का सामना कर रहे हैं, बल्कि उन तमाम देशों के मुद्रा बाजार में भी दबाव की स्थिति बन गई है। दुनियाभर के ज्यादातर देशों की तर्ज पर ही भारत में भी राष्ट्रीय मुद्रा में कमजोरी का रुख बना है, जिसकी वजह से रुपया रिकॉर्ड लो लेवल पर पहुंच गया है।