– प्रधानमंत्री अपने जन्मदिन पर मध्य प्रदेश के कूनो-पालपुर राष्ट्रीय उद्यान में प्रवेश कराएंगे
विंडहोक, 15 सितंबर (हि.स.)। नामीबिया और भारत के रिश्तों में अब चीते भी भूमिका निभाएंगे। नामीबिया से आठ अफ्रीकी चीते लाने के लिए एक विशेष कार्गो विमान नामीबिया पहुंचा तो भारतीय दूतावास ने ट्विट किया कि ‘बाघों की धरती से सद्भावना राजदूत ले जाने के लिए शौर्य की धरती पर उतरा एक विशेष पक्षी’। भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने जन्मदिन पर 17 सितंबर को इन चीतों को मध्य प्रदेश के कूनो-पालपुर राष्ट्रीय उद्यान में प्रवेश कराएंगे।
भारत में 1952 में चीता को विलुप्त प्राणी घोषित किया जा चुका है। भारत में चीतों को फिर से बसाने के प्रोजेक्ट के तहत 1970 के दशक में भारत सरकार ने इस प्रजाति के पुनर्जीवन की कोशिशें शुरू की थीं। इस साल 20 जुलाई को नामीबिया के साथ एक समझौता हुआ जिसके तहत चीता प्रतिस्थापन कार्यक्रम शुरू करने के लिए नामीबिया आठ चीते भारत को दे रहा है।
इन्हीं आठ चीतों को लाने के लिए चीतों की तस्वीर वाला एक विशेष रूप से तैयार बोइंग 747-400 विमान नामीबिया भेजा गया है। इस स्पेशल विमान पर चीतों की खूबसूरत पेटिंग की गई है। इसी विमान की तस्वीर के साथ नामीबिया स्थित भारतीय दूतावास ने ट्वीट किया, ‘बाघों की धरती से सद्भावना राजदूत ले जाने के लिए शौर्य की धरती पर उतरा एक विशेष पक्षी’। इस ट्वीट को जबर्दस्त सराहना मिल रही है और लोग उत्साहित हैं।
नामीबिया से भारत लाए जा रहे आठ चीतों से तीन नर और पांच मादा हैं। नर चीतों में से दो की उम्र साढ़े पांच साल और एक की साढ़े चार साल है। नर चीतों में दो भाई हैं जो नामीबिया में ओत्जीवारोंगो के पास 58 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में फैले निजी अभयारण्य में जुलाई, 2021 से रह रहे हैं। ये चीते कार्गो विमान से 17 सितंबर को सुबह जयपुर पहुंचेंगे। वहां से इन्हें हेलीकॉप्टरों से मध्य प्रदेश के कुनो नेशनल पार्क तक लाया जाएगा।
भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का 17 सितंबर को ही जन्मदिन है। इसे भारतीय प्रधानमंत्री के जन्मदिन की सौगात भी माना जा रहा है, क्योंकि वे ही क्वारंटाइन सेंटर से इन चीतों को मध्य प्रदेश के कुनो नेशनल पार्क में छोड़ेंगे।