नई दिल्ली, 15 सितंबर (हि.स.)। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को सार्वजनिक-निजी भागीदारी मोड में बिजली पर आधारित व्यावसायिक प्रबंधन वाली सार्वजनिक परिवहन प्रणाली पर जोर दिया।
गडकरी ने यहां ‘इनसाइट 2022’: हरित और स्वस्थ परिवहन के लिए सतत और अभिनव वित्त पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि अगर लागू करने के लिए एक सही मॉडल है तो पूंजी निवेश कोई समस्या नहीं है। उन्होंने कहा कि निजी वाहनों के इस्तेमाल में कमी लाने के प्रयास किए जाने चाहिए।
लंदन परिवहन मॉडल की सराहना करते हुए सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री ने कहा कि लोग कम खर्च में अधिक आराम चाहते हैं। उन्होंने बस निगमों को होने वाले नुकसान को रोकने और यात्रा में आसानी को बढ़ावा देने के लिए बसों में भौतिक टिकट प्रणाली के स्थान पर कार्ड या क्यूआर कोड आधारित प्रवेश-निकास प्रणाली के इस्तेमाल का प्रस्ताव दिया।
नितिन गडकरी ने जोर देकर कहा कि इलेक्ट्रिक बसों के आने से प्रदूषण में कमी आएगी और हम डीजल और कच्चे तेल के आयात को भी कम कर पाएंगे।
गडकरी ने कहा कि हम 15 लाख करोड़ का ऑटोमोबाइल उद्योग बनाने की कोशिश कर रहे हैं, क्योंकि यह वह उद्योग है जिसमें देश में 04 करोड़ रोजगार पैदा करने की अधिकतम रोजगार क्षमता है और इस उद्योग ने राज्य और केंद्र सरकारों को अधिकतम राजस्व दिया है।
गडकरी ने सीईएसएल को 5450 ई-बसों के टेंडर के लिए बधाई दी, जो दुनिया में सबसे बड़ी है। उन्होंने कहा कि 50000 ई-बसों के बजाय 5 लाख बसों का लक्ष्य होना चाहिए। गडकरी ने कहा कि हरित हाइड्रोजन आवागमन का भविष्य है। उन्होंने दिल्ली से जयपुर तक ई-रोड स्थापित करने का भी प्रस्ताव रखा। उन्होंने कहा कि आर्थिक व्यवहार्यता और सतत विकास के लिए परिवहन क्षेत्र में वैकल्पिक ईंधन, नई प्रौद्योगिकियों और नवाचारों की खोज की जानी चाहिए।