नई दिल्ली/मुंबई, 15 सितंबर (हि.स)। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को वित्तीय स्थिरता और विकास परिषद (एफएसडीसी) की 26वीं बैठक की अध्यक्षता की। निर्मला सीतारमण ने मुंबई में आयोजित इस बैठक में घरेलू चुनौतियों के बीच मौजूदा आर्थिक स्थिति की समीक्षा की। इसमें बैंकिंग और एनबीएफसी से संबंधित मुद्दे भी शामिल हैं।
एफएसडीसी की बैठक में वित्त मंत्री ने अर्थव्यवस्था के लिए पूर्व चेतावनी संकेतकों, उनसे निपटने के लिए तैयारियों, मौजूदा वित्तीय तथा ऋण सूचना प्रणाली की दक्षता में सुधार, वित्तीय बाजार अवसंरचना सहित व्यवस्थित रूप से महत्वपूर्ण वित्तीय संस्थानों में शासन और प्रबंधन के मुद्दों पर भी विचार-विमर्श किया।
सीतारमण ने बैठक के दौरान वित्तीय क्षेत्र में साइबर सुरक्षा ढांचे को मजबूत करने, सभी वित्तीय सेवाओं और संबंधित मामलों के लिए सामान्य केवाईसी, खाता एग्रीगेटर पर अद्यतन और अगले कदम की जानकारी देने, बिजली क्षेत्र के वित्तपोषण से संबंधित मुद्दे, नए आत्मानिर्भर भारत में गिफ्ट आईएफएससी की रणनीतिक भूमिका, गिफ्ट के अंतर-नियामक मुद्दे आईएफएससी और सभी सरकारी विभागों द्वारा पंजीकृत मूल्यांकनकर्ताओं की सेवाओं के उपयोग की जरूरत पर बल दिया।
इस उच्चस्तरीय बैठक में वित्त राज्य मंत्री डॉ. भागवत किशनराव कराड और पंकज चौधरी, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास, वित्त सचिव और व्यय विभाग (एमओएफ) में सचिव डॉ. टी.वी. सोमनाथन, आर्थिक मामलों के विभाग में सचिव अजय सेठ, राजस्व सचिव तरुण बजाज, वित्तीय सेवा विभाग के सचिव संजय मल्होत्रा, मुख्य आर्थिक सलाहकार डॉ. वी. अनंत नागेश्वरन; भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड के अध्यक्ष माधबी पुरी बुच, भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष देबाशीष पांडा, पेंशन कोष नियामक और विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष सुप्रतिम बंद्योपाध्याय, दिवाला और दिवालियापन बोर्ड ऑफ इंडिया के अध्यक्ष रवि मित्तल, अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण के अध्यक्ष इंजेती श्रीनिवास और एफएसडीसी के सचिव और आर्थिक मामलों के विभाग के नियामक भी शामिल हुए।
वित्तीय स्थिरता और विकास परिषद को वर्ष 2010 में वित्त मंत्रालय के तहत एक गैर-वैधानिक शीर्ष निकाय के रूप में गठित किया गया था। क्षेत्रीय नियामकों का शीर्ष निकाय की बैठक की अध्यक्षता वित्त मंत्री करते हैं। एफएसडीसी की आखिरी बैठक वित्त वर्ष 2022-23 के आम बजट पेश किए जाने के बाद फरवरी में हुई थी। रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष में देश का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 7.2 फीसदी की दर से बढ़ने का अनुमान रखा है, जबकि खुदरा महंगाई दर 6.7 फीसदी फीसदी पर रहने का अनुमान जताया है। हालांकि, अगस्त महीने में खुदरा महंगाई दर 7 फीसदी रही है।