गुवाहाटी, 14 सितम्बर (हि.स.)। विश्वकर्मा निर्माण के देवता हैं। विश्वकर्मा पूजा भाद्र मास की संक्रांति को मनाया जाता है।
उल्लेखनीय है कि 17 सितम्बर विश्वकर्मा पूजा है। उस दिन, विभिन्न कारखानों, लोहा और इस्पात की दुकानों, कार्यालयों, विभिन्न औद्योगिक संस्थानों में विश्वकर्मा की पूजा की जाएगी।
विश्वकर्मा पूजा मां दुर्गा के आगमन का संदेश भी देता है। गुवाहाटी के सभी मूर्तिकार वर्तमान समय में विश्वकर्मा मूर्ति को अंतिम रूप देने में व्यस्त हैं।
इस बार विश्वकर्मा पूजा की बड़ी मूर्ति के लिए पांडू इलाके के मूर्तिकरों ने बहुत कम ऑर्डर लिए हैं। यह बातें आलोक शिल्पालय के प्रमुख सुरजीत पाल ने कही। उन्होंने कहा कि इस बार विश्वकर्मा पूजा और दुर्गा पूजा के बीच का अंतर बहुत काम है।
इस बार छोटी मूर्तियों की मांग अधिक है। उन्होंने कहा कि बड़ी मूर्तियों के ऑर्डर मिलने पर भी मूर्तिकारों को दुर्गा पूजा के मद्देनजर आर्डर को वापस कर दिया है।
पांडू मालीगांव रेलवे वर्कशॉप में हर बार की तरह इस बार भी विश्वकर्मा पूजा का आयोजन किया जा रहा है। सीनियर सेक्शन इंजीनियर वर्क्स ईस्ट पांडू हरेन चंद्र बोरो ने कहा कि शिल्पकार वरुण विश्वास हर साल चित्रकला और पेंटिंग के माध्यम से श्रद्धालुओं को आकर्षित करते थे। वह पिछले साल रेलवे से सेवानिवृत्त हुए हैं।
इस बार उनके स्थान पर सह-कलाकार हरेन चंद्र बोरो पूजा की सजावट में व्यस्त हैं। इस बार की थीम ‘छोटा भीम’ है। छुटकी और छोटा भीम का करैक्टर बच्चों को काफी आकर्षित करता है।
पिछले दो वर्षों में, लॉकडाउन के कारण पूजा बहुत सादगी से हुई थी। इस बार सरकार की ओर से कोई पाबंदी नहीं होने के कारण लगभग सभी स्थानों, मुख्य रूप से फायर ब्रिगेड, रिक्शा स्टैंड, ऑटो स्टैंड, टोटो स्टैंड, गैरेज, छोटी-बड़ी फैक्ट्रियों में पूजा की तैयारियां जोरशोर से चल रही हैं। दुकानें भी रंगबिरंगे फूलों व पूजा के समानों से सज गई हैं।