डेजिगनेटेड कैंप में एनडीएफबी ने मनाया 34वां शहीद दिवस
कोकराझार (असम), 14 सितम्बर (हि.स.)। बोडो लोगों के अधिकारों के लिए हाथों में हथियारों लेकर सशस्त्र संघर्ष में शामिल तत्कालीन नेशनल डेमोक्रेटिक फ़्रंट ऑफ़ बोडोलैंड (एनडीएफबी) ने बीटीआर शांति समझौते के बाद पहली बार बुधवार को संगठन का 34वां शहादत दिवस मनाया। कोकराझार जिला के सरफानगुरी के डेजिगनेटेड कैंप में एनडीएफबी ने अपना शहीद दिवस मनाया।
पूर्व एनडीएफबी के स्वयंभू चीफ जनरल बी सुदेम उर्फ सिला ने शहीद वेदी पर दीप प्रज्वलित किया और बीटीसी के कार्यकारी पार्षद रंजीत बासुमतारी ने शहीदों को पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। आज के इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में बीटीसी एसेंबली के अध्यक्ष कांतीराम बोडो के साथ-साथ बीटीसी के पार्षद एस बासुमतारी उर्फ बी चौराईगौरा, आब्सू के प्रवक्ता जनक उज्जीर के साथ एनडीएफबी के कई नेता उपस्थिति थे।
ज्ञात हो की 14 सितम्बर, 1988 में एनडीएफबी के स्वयंभू एक्शन कमांडेंट बी बोखगुनगुडा शहीद हुए थे, तब से ही इस दिन को एनडीएफबी शहीद दिवस मनाते आ रहा है। आज सभी उपस्थित एनडीएफबी के नेता, सदस्य और स्थानीय लोगों ने शहीद वेदी पर फूल-माला अर्पित किया।
इस मौके पर एक सभा का आयोजन किया गया। एनडीएफबी की इस सभा में आमंत्रित वक्ता के रूप में बोडो महिला न्याय मंच की नेता अंजली दैमारी सहित एनडीएफबी के चारों गुटों के शीर्ष नेताओं ने हिस्सा लिया।