नई दिल्ली, 14 सितंबर (हि.स.)। अमेरिका में अगस्त की मुद्रास्फीति का डेटा जारी होने के बाद दुनियाभर के शेयर बाजार में मंदी की आशंका ने पैर पसार लिए हैं। इसके बाद वॉल स्ट्रीट दो साल के न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया। उम्मीद से अधिक मुद्रास्फीति के कारण अमेरिकी शेयर बाजार में जमकर बिकवाली हुई और सभी सूचकांक लाल निशान पर समाप्त हुए।
तीन प्रमुख अमेरिकी स्टॉक इंडेक्स तेजी से गिरे हैं। डाओ जोंस 3.94 फीसदी, नैस्डैक 5.16 फीसदी और स्मॉल कैप 2000 4.20 फीसदी गिरा। पिछले चार दिन से शेयरों में तेजी देखी जा रही थी। ऐपल इंक, माइक्रोसॉफ्ट कॉर्प और अमेजन डॉट कॉम तक के शेयर भी गिरावट से नहीं बच सके। जोखिम-रहित ट्रेड इमोशंस ने हर प्रमुख क्षेत्र को नकारात्मक स्तर पर खींच लिया।
बाजार को आशंका है कि फेडरल रिजर्व आने वाले महीनों में अपनी नीति को कड़ा कर सकता है। फेडरल रिजर्व अगले सप्ताह होने वाली नीतिगत बैठक में ब्याज दरों में 75 बेस-पॉइंट की बढ़ोतरी कर सकता है। अगर मुद्रास्फीति के आंकड़े कमजोर होते तो फेडरल रिजर्व ब्याज दरों में कम वृद्धि करता। फेडरल रिजर्व ने इस साल अपनी बेंचमार्क ब्याज दर चार बार बढ़ाई है।
माना जा रहा है कि हाल-फिलहाल अमेरिकी लोगों को महंगाई से निजात मिलने की संभावना नहीं है। डेटा के मुताबिक भोजन, आवास और ऑटो की लागत बढ़ रही है। उधर, अमेरिकी बाजार की हालत को देखते हुए भारतीय बाजार के लिए आज का दिन काफी चुनौतीपूर्ण हो सकता है। बुधवार सुबह के सत्र में जापानी निक्केई 2.10 फीसदी, हांगकांग का हैंग सेंग 2.29 फीसदी और चीनी शंघाई 0.74 फीसदी की गिरावट के साथ खुले। भारतीय शेयर बाजार का पथ प्रदर्शक कहा जाने वाला एसजीएक्स निफ्टी बुधवार सुबह के सौदों में 321 अंक नीचे 17,786 के स्तर पर है।