भारतीय आईटी कंपनियों में इंफोसिस को हुआ सबसे ज्यादा नुकसान
नई दिल्ली, 14 सितंबर (हि.स.)। कमजोर ग्लोबल सेंटीमेंट्स के कारण दुनिया भर के तमाम शेयर बाजारों की तरह घरेलू शेयर बाजार ने भी बुधवार को जोरदार गिरावट के साथ कारोबार की शुरुआत की। हालांकि दूसरे शेयर बाजारों के विपरीत घरेलू शेयर बाजार ने तेजड़ियों के सपोर्ट से दिन के कारोबार के अंत तक शानदार रिकवरी कर ली लेकिन इस रिकवरी का असर आईटी सेक्टर के शेयरों को नहीं मिल सका। पूरी दुनिया के बाजारों की तर्ज पर ही घरेलू बाजार में भी आईटी सेक्टर के शेयरों को जोरदार गिरावट का सामना करना पड़ा। आज के कारोबार में सबसे अधिक नुकसान आईटी सेक्टर के शेयरों को ही उठाना पड़ा।
अमेरिका में महंगाई से जुड़े आंकड़ों के आने के बाद शेयर बाजार में मची हाहाकार का असर आज भारतीय आईटी कंपनियों के शेयरों पर भी साफ साफ नजर आया। आज के कारोबार में भारतीय आईटी कंपनियों में इंफोसिस को सबसे ज्यादा नुकसान का सामना करना पड़ा। इंफोसिस के शेयर आज 69.95 रुपये यानी 4.53 प्रतिशत की गिरावट के साथ 1,475 रुपये के भाव पर बंद हुए। मार्केट कैपिटलाइजेशन के लिहाज से देश की सबसे बड़ी आईटी कंपनी टाटा कंसलटेंसी सर्विसेज (टीसीएस) के शेयरों के भाव में भी आज 3.23 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। इस गिरावट के कारण ये शेयर आज 3,125 रुपये की कीमत पर बंद हुआ। इसी तरह आईटी कंपनी एम्फैसिस के शेयर की कीमत 2.61 प्रतिशत की गिरावट के साथ अपने 52 सप्ताह के सबसे निचले स्तर के काफी करीब 2,095.95 रुपये तक पहुंच गई। एम्फैसिस का 52 सप्ताह का सबसे निचला स्तर 2,035 रुपये है।
इन आईटी कंपनियों के अलावा आज विप्रो 1.34 प्रतिशत की गिरावट के साथ 417 रुपये के स्तर पर, एचसीएल टेक्नोलॉजी 2.39 प्रतिशत टूट कर 932.60 रुपये के स्तर पर और माइंड-ट्री 2.81 प्रतिशत की गिरावट के साथ 3,276 रुपये के स्तर पर बंद हुआ। इसी तरह टेक महिंद्रा 3.09 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 1,112 रुपये के स्तर पर, कोफोर्ज 3.69 प्रतिशत फिसल कर 3,473.70 रुपये के स्तर पर, एलटीआई 3.31 प्रतिशत फिसलकर 4,619.95 रुपये के स्तर पर और एलटीटीएस 4.21 प्रतिशत की गिरावट के साथ 3,679 रुपये के स्तर पर आ गए।
अमेरिका में आए खुदरा महंगाई दर के आंकड़ों के आने के बाद मंदी की आशंका की कल्पना से दुनिया भर के बाजारों में आईटी सेक्टर सहमा हुआ है। मंगलवार के कारोबार में आईटी सेक्टर की जोरदार गिरावट के कारण नैस्डैक में भी 5 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई थी। आज इस गिरावट का असर भारतीय शेयर बाजार में भी आईटी सेक्टर के शेयरों के कारोबार में साफ नजर आया।
शेयर बाजार के जानकारों का कहना है कि अमेरिका में खुदरा महंगाई दर के बढ़े आंकड़ों ने एक बार फिर अमेरिकी फेडरल रिजर्व पर ब्याज दरों में बढ़ोतरी करने का दबाव बढ़ा दिया है। अभी की स्थिति में अगर ब्याज दरों में बढ़ोतरी होती है, तो इससे पहले अमेरिका अर्थव्यवस्था में और फिर शेष दुनिया की अर्थव्यवस्था में मंदी आने की आशंका बढ़ जाएगी। ऐसा होने पर सबसे पहले आईटी सेक्टर ही बुरी तरह से प्रभावित होगा। यही वजह है कि अमेरिका के खुदरा महंगाई दर के आंकड़ों ने अमेरिका समेत ही पूरी दुनिया में खासकर भारत में आईटी सेक्टर को चौकन्ना कर दिया है।