नई दिल्ली, 14 सितंबर (हि.स.)। केंद्र सरकार ने पांच राज्यों की जातियों को अनुसूचित जनजाति (एसटी) में शामिल किए जाने को मंजूरी दे दी है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में हिमाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़,तमिलनाडु, कर्नाटक और उत्तर प्रदेश सहित पांचों राज्यों की जातियों को अनुसूचित जनजाति में शामिल किए जाने को मंजूरी दी।
केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा ने बैठक के बाद संवाददाता सम्मेलन में मंत्रिमंडल के फैसले की जानकारी देते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के ट्रांस गिरि क्षेत्र के “हट्टी” समुदाय को अनुसूचित जनजाति की सूची में शामिल कर लिया गया। उत्तर प्रदेश के 13 जिलों में गोंड को अनुसूचित जाति से हटाकर अनुसूचित जनजाति में शामिल किया गया और गोंड की 5 उपजाति (धुरिया, नायक, ओझा, पठारी राजगोंड) को अनुसूचित जनजाति में शामिल किया गया।
मुंडा ने बताया कि छत्तीसगढ़ के 12 समुदायों के नामों में सुधार या पर्यायवाची जोड़ा गया है। इसके तहत भारिया भूमिया के पर्याय के रुप में भूईंया, भूयां। भारिया नाम के अंग्रेजी संस्करण को बिना बदलाव किए भरिया के रूप में भारिया का सुधार किया गया है। पांडो के साथ पंडो, पण्डो, पन्डो। धनवार के पर्याय के रूप में धनुहार, धनुवार को शामिल किया गया है।
उन्होंने आगे बताया कि गदबा, गोंड के साथ गोंड़, कोंध के साथ कोंद, कोडाकू के साथ कोड़ाकू, नगेसियाव नागासिया के पर्याय के रुप में किसान। धनगढ़ का परिशोधन धांगड़किया किया गया है। जबकि सावर, सवरा के पर्याय के रूप में सौरा, संवरा, बिंझिया किया गया है।
केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि तमिलनाडु के नारिकोरवन के पर्याय के रूप में कुरुविक्करन को शामिल किया गया है। वहीं, कर्नाटक “काडू कुरुबा” के पर्याय के रुप में “बेट्टा-कुरुबा” को शामिल किए जाने को मंजूरी दी गई है।