दुबई, 12 सितंबर (हि.स.)। एक ऐसे टूर्नामेंट में जहां टॉस ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, श्रीलंका ने एशिया कप फाइनल में पाकिस्तान को हराकर अपना छठा एशिया कप खिताब जीता। इस टूर्नामेंट में पीछा करने वाली टीम ने अब तक 11 में से आठ मैच जीते थे और उनमें से दो भारत और पाकिस्तान की हांगकांग पर जीत में आए थे। लेकिन श्रीलंका ने फाइनल में टॉस हारने के बाद पहले बल्लेबाजी की और एक समय केवल 58 रनों पर 5 विकेट गिरने के बावजूद 170 रनों का सम्मान जनक स्कोर बनाया और 23 रनों से जीत दर्ज की।
श्रीलंका के पूर्व कप्तान महेला जयवर्धने ने फाइनल में श्रीलंकाई टीम के के प्रयास की जमकर तारीफ की।
जयवर्धने ने ट्वीट किया, “लड़कों ने एक अच्छा टॉस हारा और देश के लिए खेलने के लिए जो चरित्र और जुनून दिखाया, उसपर हर किसी को गर्व है … जीत का आनंद लें जैसा कि पूरे देश में होगा। शानदार टीम प्रयास।”
भानुका राजपक्षे ने 45 गेंदों में नाबाद 71 रनों की शानदार पारी खेली और जहां पहले 150 तक पहुंचना भी उनके लिए मुश्किल था, वहां टीम को 6 विकेट पर 170 रनों के सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचा दिया। उन्हें वानिंदु हसरंगा का अच्छा समर्थन मिला, जिन्होंने 21 गेंदों में 36 रन बनाए।
इसके बाद प्रमोद मदुशन ने दो गेंदों में दो विकेट लेकर पाकिस्तान की कमर तोड़ दी। इसके बाद मोहम्मद रिजवान और इफ्तिखार अहमद ने 71 रन की साझेदारी की, लेकिन उनका स्कोरिंग रेट बहुत कम था, जिससे टीम पर दबाव बन गया।
इसके बाद मदुशन ने इफ्तिखार (32) के रूप में अपना तीसरा विकेट लिया। इसके हसरंगा ने रिजवान (55), आसिफ अली (00) और खुशदिल शाह (02) को एक ही ओवर में आउट कर पाकिस्तान की उम्मीदों को खत्म कर दिया। पाकिस्तान की टीम अंत में 147 रनों पर ऑल आउट हो गई और श्रीलंका ने 23 रनों से जीत दर्ज कर अपने छठे एशिया कप पर कब्जा किया।