ब्रह्मलीन स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के अंतिम दर्शन के लिए उमड़ी भीड़

भू समाधि से पहले पवित्र नदियों के जल व दूध से होगा अभिषेक

– संत समाज की बैठक में उत्तराधिकारी के नाम की घोषणा होगी

नरसिंहपुर, 12 सितम्बर (हि.स.)। ज्योतिर्मठ बद्रीनाथ और शारदा पीठ द्वारका के शंकराचार्य जगद्गुरु स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के अंतिम दर्शन के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ रही है। उनके देवलोकगमन से हर तरफ शोक का माहौल है। मध्य प्रदेश ही नहीं, देश के विभिन्न स्थानों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु नरसिंहपुर पहुंच रहे हैं। उनकी पार्थिव देह अंतिम दर्शन के लिए आश्रम के गंगा कुंड स्थल पर रखी गई है, जहां दोपहर 1.00 बजे तक श्रद्धालुओं ने उनके अंतिम दर्शन किये।

मप्र के पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ, दिग्विजय सिंह, केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल, फग्गन सिंह कुलस्ते, पूर्व मंत्री सुरेश पचौरी, राज्यसभा सदस्य विवेक तन्खा, छग से रविन्द्र चौबे सहित कई जनप्रतिनिधियों ने भी झोंतेश्वर आश्रम पहुंचकर शंकराचार्यजी के अंतिम दर्शन किए। मध्य प्रदेश की गोटेगांव तहसील के झोंतेश्वर में ब्रह्मलीन शंकराचार्य स्वामी स्वरुपानंद सरस्वती को सोमवार शाम 5.00 बजे भू-समाधि दी जाएगी।

शंकराचार्य की पार्थिव देह को भू-समाधि देने से पहले सभी पवित्र नदियों के जल व दूध से महास्नान कराया जाएगा। इसके उपरांत पालकी यात्रा कर उनको भगवती त्रिपुरसुंदरी के दर्शन कराने के बाद मंदिर के पास ही तैयार कराए गए स्थल पर विभिन्न मठों, पीठों से आ रहे विद्वानों की मौजूदगी में शास्त्र विधि अनुसार भू समाधि दी जाएगी।

अपने गुरु के देवलोकगमन से शारदा पीठ के उत्तराधिकारी सदानन्द सरस्वती भावकु हैं। सोमवार को मीडिया से बातचीत के दौरान उनकी आंखों से आंसू छलक पड़े। उन्होंने कहा कि गुरु तत्व सदैव विद्यमान रहता है। वह हम सबके ह्रदय में हमेशा रहेंगे। उनकी कमी की पूर्ति कोई नहीं कर सकता। उनके द्वारा दिए गए उपदेशों और शिक्षा के मार्ग पर चलकर देश को आध्यात्मिक उत्थान के मार्ग पर ले जाने का जारी प्रयास जारी रहेगा।

ज्योतिष पीठ के उत्तराधिकारी दंडी स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने बताया कि देश के सभी मठों से प्रतिनिधि परमहंसी आश्रम आ रहे हैं। स्वामी स्वरूपानंद जैसी विभूति दूसरी नहीं हो सकती। दंडी स्वामी ने बताया कि समाधि देने की पूरी तैयारी हो चुकी है। शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती का श्रृंगार होगा, शोभायात्रा निकाली जाएगी, जो परमहंसी गंगा कुंड से भगवती मंदिर तक जाएगी। काशी से आए पंडित अवधराम शास्त्री समाधि की प्रक्रिया पूरी कराएंगे।

इधर, शंकराचार्य के निधन के बाद उनके उत्तराधिकारी को लेकर भी चर्चाएं हैं। दंडी स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद महाराज का कहना है कि समाधि की प्रक्रिया पूरी होने के बाद संत समाज की बैठक होगी। उनके नाम की घोषणा आज औपचारिक रूप से की जाएगी।

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