– प्रदेश सरकार खेल की नियमावली में भी करने जा रही बदलाव, खेल संघों से मांगी राय
लखनऊ, 10 सितम्बर (हि.स.)। प्रदेश की स्पोर्ट्स पालिसी में कई बदलाव होंगे। इसके लिए शासन स्तर से एकलव्य क्रीड़ा कोश नियमावली एवं उत्तर प्रदेश स्पोर्ट्स पालिसी का ड्राफ्ट सभी खेल संघों को दिया गया है। इसके साथ ही उस पर 15 दिन के अंदर खेल संघों से राय मांगी गयी है। इसके बाद खेल मंत्री की अध्यक्षता में बैठक होगी और सुझावों पर विचार कर आगे की रणनीति बनायी जाएगी।
शनिवार को अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल की अध्यक्षता में केडी सिंह स्टेडियम में खेल संघों के साथ बैठक हुई। इसमें अपर मुख्य सचिव खेल और निदेशक आरपी सिंह ने कहा कि खेल विभाग के अंतर्गत निर्मित स्टेडियमों में प्रतियोगिताओं के लिए तभी उपलब्ध कराया जाएगा, जब प्रदेशीय खेल संघ अथवा जिला खेल संघ के पदाधिकारी संस्तुति करेंगे।
इसके साथ ही खेले निदेशक कहा कि सब जूनियर, जूनियर एवं सीनियर वर्ग में आयोजित प्रतियोगिताओं में जो खिलाड़ी पदक प्राप्त करते हैं। उन सभी खिलाड़ियों के प्रपत्र पूर्ण करते हुए खेल निदेशालय को समय से उपलब्ध कराये जायें, ताकि पदक विजेता खिलाड़ियों को अनुमन्य पुरस्कार राशि यथाशीघ्र उपलब्ध करायी जा सके। इसके साथ ही खेल संघों द्वारा समन्वय से आयोजित प्रतियोगिताओं में खिलाड़ियों से एंट्री फीस नहीं लिये जाने का निर्णय लिया गया।
नवनीत सहगल ने कहा कि एक खेल का एक एक्सीलेंस सेंटर स्थापित किया जाय, जिसमें उत्कृष्ट खिलाड़ियों को रखकर प्रशिक्षण की सुविधा उपलब्ध करायी जाय, जिससे राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित होने वाली प्रतियोगिताओं में खिलाड़ी प्रतिभाग कर अधिक से अधिक पदक प्राप्त कर सकें। साथ ही यह भी निर्देशित किया गया कि जिस जनपद में जो खेल लोकप्रिय है। उस खेल की सुविधा उस जनपद में बेहतर से बेहतर उपलब्ध करायी जाय, ताकि अधिक से अधिक खिलाड़ियों को खेल से जोड़ा जा सके।
नवनीत सहगल ने कहा कि स्टेट चैम्पियनशिप में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले खिलाड़ियों को सरकार द्वारा उपकरण उपलब्ध कराया जायेगा, जिससे खिलाड़ी बेहतर तैयारी करते हुए राष्ट्रीय एवं अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर आयोजित होने वाली प्रतियोगिताओं में अधिक से अधिक पदक प्राप्त कर सकें। प्रदेशीय खेल संघों की बैठक हर तीन पर कराने का निर्णय लिया गया।