– वालोंग से किबिथु तक 22 किमी. सड़क का नाम ‘जनरल बिपिन रावत मार्ग’ हुआ
– मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने जनरल रावत के आदमकद भित्ति चित्र का अनावरण किया
नई दिल्ली, 10 सितम्बर (हि.स.)। एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में देश के प्रथम सीडीएस जनरल बिपिन रावत की मृत्यु के नौ महीने बाद सेना ने किबिथू में अपने सैन्य स्टेशन का नाम बदलकर ‘जनरल बिपिन रावत मिलिट्री गैरीसन’ कर दिया है। किबिथु अरुणाचल प्रदेश के अंजॉ जिले में भारत के पूर्वी हिस्से में लोहित नदी के तट पर स्थित है। वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के साथ स्थित किबिथु में जनरल रावत ने 1999-2000 में कर्नल के रूप में गोरखा राइफल्स की 11वीं रेजिमेंट की 5वीं बटालियन की कमान संभाली थी।
गैरीसन का नाम बदलने के अलावा इस अवसर पर अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल, ब्रिगेडियर बीडी मिश्रा (सेवानिवृत्त) ने स्थानीय पारंपरिक स्थापत्य शैली में निर्मित एक भव्य द्वार का अनावरण भी किया। वालोंग से किबिथु तक 22 किलोमीटर की सड़क का नाम बदलकर ‘जनरल बिपिन रावत मार्ग’ कर दिया गया और अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने इसे समर्पित किया। गवर्नर के अभिभाषण के बाद जनरल रावत के आदमकद भित्ति चित्र का भी अनावरण किया गया।
देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत की पिछले साल दिसंबर में मृत्यु हो गई थी, जब उन्हें ले जा रहा एमआई17 हेलीकॉप्टर तमिलनाडु में कुन्नूर के पास एक पहाड़ी पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इस हादसे में जनरल रावत की पत्नी मधुलिका समेत 12 लोगों की जान गई थी। आज के समारोह में जनरल बिपिन रावत की बेटियां कृतिका और तारानी भी मौजूद थीं। पूर्वी सेना के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल आरपी कलिता भी कार्यक्रम में शामिल हुए।