नई दिल्ली, 08 सितंबर (हि.स)। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) को महंगाई पर काबू पाने के लिए राजकोषीय नीति और अन्य कारकों के साथ ज्यादा बेहतर तरीके से तालमेल बिठाना होगा।
सीतारमण ने गुरुवार को अंतरराष्ट्रीय आर्थिक संबंधों पर अनुसंधान के लिए भारतीय परिषद (इक्रियर) के एक कार्यक्रम में यह बात कही। उन्होंने कहा कि महंगाई प्रबंधन को केवल मौद्रिक नीति पर नहीं छोड़ा जा सकता है, जो कई देशों में पूरी तरह से अप्रभावी साबित हुई है। वित्त मंत्री ने कहा कि आरबीआई को कुछ हद तक तालमेल बिठाना होगा। हो सकता है कि यह तालमेल उतना न हो, जितना कि अन्य पश्चिमी विकसित देश में होता है। सीतारमण ने कहा, “मैं रिजर्व बैंक को कुछ बता नहीं रही हूं। मैं आरबीआई को कोई आगे का निर्देश नहीं दे रही हूं, लेकिन सच्चाई यह है कि भारत की अर्थव्यवस्था को संभालने के लिए मौद्रिक नीति के साथ ही राजकोषीय नीति को भी काम करना है।”
इससे एक दिन पहले वित्त मंत्री ने कहा था कि महंगाई के नीचे आने के साथ यह मुद्दा अब ज्यादा महत्वपूर्ण नहीं रह गया है। सीतारमण ने कहा कि अब केंद्र सरकार की प्राथमिकता रोजगार सृजन और आर्थिक वृद्धि को गति देना है। उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय के आंकड़ों के मुताबिक उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आधारित खुदरा महंगाई दर जुलाई में घटकर 6.71 फीसदी पर पहुंच गई है। यह अभी भी आरबीआई के संतोषजनक स्तर की उच्च सीमा 6.0 फीसदी से ऊपर है।