टोक्यो, 8 सितंबर (हि.स.)। दो दिवसीय जापान दौरे पर पहुंचे भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जापान के रक्षा मंत्री यासुकाजु हमदा के साथ द्विपक्षीय वार्ता कर रक्षा सहयोग और क्षेत्रीय सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की। दोनों नेताओं ने स्वतंत्र, खुले और नियम-आधारित भारत-प्रशांत क्षेत्र सुनिश्चित करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार किया। तय हुआ कि भारत एवं जापान के बीच रक्षा उपकरण और तकनीकी सहयोग में साझेदारी बढ़ाई जाएगी।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपनी जापान यात्रा की शुरुआत जापान के शहीद सैनिकों को शहीद स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित करके की। दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों के बीच हुई वार्ता में राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत-जापान द्विपक्षीय रक्षा अभ्यास में बढ़ती जटिलताएं, दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग के और गहरा होने के प्रमाण हैं। दोनों मंत्रियों ने ‘धर्म गार्डियन’, ‘जिमेक्स’ और ‘मालाबार’ सहित द्विपक्षीय और बहुपक्षीय अभ्यासों को जारी रखने के लिए अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की। उन्होंने इस वर्ष मार्च में अभ्यास ‘मिलन’ के दौरान आपूर्ति और सेवा समझौते के पारस्परिक प्रावधान के संचालन का स्वागत किया। दोनों मंत्रियों ने इस बात पर सहमति व्यक्त की कि उद्घाटन लड़ाकू अभ्यास के शीघ्र आयोजन से दोनों देशों की वायु सेनाओं के बीच अधिक सहयोग और अंतरपरिचालन का पथ प्रशस्त होगा।
भारतीय रक्षा मंत्री ने रक्षा उपकरण और तकनीकी सहयोग के क्षेत्र में साझेदारी के दायरे का विस्तार करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने जापानी उद्योगों को भारत के रक्षा गलियारों में निवेश करने के लिए आमंत्रित किया, जहां भारत सरकार द्वारा रक्षा उद्योग के विकास के लिए अनुकूल वातावरण तैयार किया गया है। इस वर्ष भारत और जापान के बीच राजनयिक संबंधों के 70 वर्ष पूरे हो रहे हैं। दो मजबूत लोकतांत्रिक देशों के रूप में, दोनों देश एक विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी के लिए प्रयासरत हैं। दो दिवसीय जापान यात्रा में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर के साथ टोक्यो में दूसरी भारत-जापान 2 2 मंत्रिस्तरीय वार्ता में भाग लेंगे। जापानी पक्ष का प्रतिनिधित्व रक्षा मंत्री यासुकाजु हमदा और विदेश मंत्री योशिमासा हयाशियो करेंगे।