नई दिल्ली, 07 सितंबर (हि.स.)। ट्विटर ने दिल्ली हाई कोर्ट से कहा है कि वो खुद तय नहीं कर सकता कि उसके प्लेटफार्म पर पोस्ट हुआ कोई कंटेंट गैरकानूनी है या नहीं। सिर्फ कोर्ट के आदेश या सरकार के नोटिफिकेशन के जरिये गैरकानूनी ठहराए गए कंटेंट को ही ट्विटर हटा सकता है या फिर उस कंटेंट को जिसमें सेवा शर्तों को उल्लंघन हुआ हो।
28 मार्च को कोर्ट ने ट्विटर से पूछा था कि जब आप पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को ब्लॉक कर सकते हैं तो हिंदू देवी-देवताओं के बारे में आपत्तिजनक पोस्ट करनेवालों को ब्लॉक क्यों नहीं कर सकते हैं। कोर्ट ने ट्विटर को ये बताने को कहा था कि आप किसी व्यक्ति को ब्लॉक कैसे करते हैं। सुनवाई के दौरान ट्विटर ने कहा था कि यूजर्स सभी किस्म के पोस्ट करते हैं और वो सभी के अकाउंट ब्लॉक नहीं कर सकता है। तब कोर्ट ने कहा था कि आप डोनाल्ड ट्रंप का अकाउंट ब्लॉक कर सकते हैं लेकिन हिंदू देवी-देवताओं के बारे में आपत्तिजनक पोस्ट करनेवालों को ब्लॉक क्यों नहीं कर सकते हैं। कोर्ट ने केंद्र को निर्देश दिया था कि वो हलफनामा दायर कर ये बताए कि किसी अकाउंट को बंद करने के लिए ट्विटर और आईटी मंत्रालय के बीच स्टैंडर्ड आपरेटिंग प्रोसिजर क्या है।
29 अक्टूबर, 2021 को कोर्ट ने ट्विटर को निर्देश दिया था कि वो हिंदू देवी-देवताओं के बारे में आपत्तिजनक पोस्ट हटाए। कोर्ट ने कहा था कि उसे उम्मीद है कि सोशल मीडिया प्लेटफार्म लोगों की भावनाओं का ख्याल रखेंगे। कोर्ट ने कहा था कि ट्विटर अच्छा काम कर रहा है और लोग खुश हैं। कोर्ट ने ट्विटर के वकील सिद्धार्थ लूथरा से कहा था कि हिंदू देवी-देवताओं के बारे में आपत्तिजनक पोस्ट हटाएं। ये आगे नहीं चलने चाहिए। आप लोगों के लिए व्यवसाय कर रहे हैं। इसलिए उनकी भावनाओं का भी सम्मान करें।
याचिका वकील आदित्य सिंह देशवाल ने दायर की है। याचिकाकर्ता की ओर से वकील जी तुषार राव और आयुष सक्सेना ने कहा कि ट्विटर, इंस्टाग्राम और फेसबुक पर हिंदू देवी-देवताओं के बारे में आपत्तिजनक पोस्ट डाले गए हैं। इन सोशल मीडिया पर कार्टून और ग्राफिक्स के जरिये देवी-देवताओं पर अश्लील सामग्री डाली गई है। याचिका में कहा गया है कि इन पोस्टों को तुरंत हटाने का दिशानिर्देश जारी किया जाए। याचिका में मांग की गई है कि आईटी रूल्स का पालन करना सुनिश्चित किया जाए।