नई दिल्ली, 07 सितंबर (हि.स.)। देश में 70 सालों के बाद मध्यप्रदेश के कूनो- पालपुर वन्यजीव अभ्यारण्य में चीते दिखाई देने वाले हैं। इस अभ्यारण्य में नामीबिया से आठ चीते लाए जा रहे हैं। इस संबंध में नामीबिया से विशेषज्ञ मध्यप्रदेश पहुंच रहे हैं और उम्मीद है कि आठों चीतें 16 सितंबर से पहले देश में विशेष विमान से पहुंच जाएंगे। 17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जन्मदिन के मौके पर इन सभी चीतों को अभ्यारण्य में छोड़ा जाएगा। इस कार्यक्रम में खुद प्रधानमंत्री मौजूद रहेंगे।
केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के मुताबिक इस संबंध में सारी तैयारियां पूरी की जा चुकी हैं। तैयारियों का जायजा लेने केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेन्द्र यादव रविवार को कूनो वन अभ्यारण्य जा रहे हैं।
मंत्रालय के मुताबिक देश में नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से तकरीबन 25 से 30 चीते आने हैं। नामीबिया से दो चरणों में 12 चीते लाए जाने हैं। पहले चरण में 8 चीते लाए जाएंगे जिसमें से चार नर और चार मादा हैं। मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार नामीबिया से लाए जाने वाले चीतों की स्वास्थ्य निगरानी के लिए विशेषज्ञों की टीमें गठित कर दी गई हैं। कुछ विशेषज्ञ नामीबिया से भी चीतों के साथ आ रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि देश में एशियाटिक जंगली चीते तकरीबन 70 सालों से विलुप्त श्रेणी में है। केन्द्र सरकार ने साल 2009 में चीता पुनर्वास योजना बनाई थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने 2020 में मंजूरी दी इसके बाद सरकार के प्रयासों से कूनो-पालपुर वन्यजीव अभयारण्य में नामीबिया से लाए जा रहे है। देश में एमपी के कूनो-पालपुर वन्यजीव अभयारण्य को भारत का पहला चीता अभयारण्य नामित किया गया है।