जयपुर, 7 सितंबर (हि.स.)। आयकर विभाग की टीम ने जयपुर के बड़े राजनीतिक और कारोबारी समूह पर छापेमार कार्रवाई की है। बुधवार सुबह देश के चार राज्यों राजस्थान सहित दिल्ली, उत्तराखंड और महाराष्ट्र में विभाग ने छापेमारी की है।
अज अलसुबह कारोबारी समूह के आवास, दफ्तर और अन्य ठिकानों पर आयकर विभाग की टीमें पहुंची। मिड-डे मील की सप्लाई में गड़बड़ी को लेकर हुई इस छापेमारी में विभाग के हाथ राजस्थान के गृह राज्यमंत्री राजेंद्र यादव तक भी पहुंचे हैं। मंत्री और उनके रिश्तेदारों के यहां सुबह से ही टीमें सर्च कर रही हैं। छापों को लेकर यादव ने कहा कि उनका मिड डे मील से कोई लेना देना नहीं है।
मंत्री और उनके रिश्तेदारों की कंपनी की कोटपूतली स्थित राजस्थान फ्लेक्सिबल पैकिंग फैक्टरी सहित अन्य ठिकानों पर कार्रवाई चल रही है। गृह राज्यमंत्री राजेंद्र यादव इस कंपनी के निदेशक हैं। कम्पनी के प्रबंधक मधुर यादव है। मधुर यादव राज्यमंत्री राजेंद्र यादव का बड़े बेटे है। यादव और उनके रिश्तेदारों के 50 से ज्यादा ठिकानों पर विभाग के अधिकारियों के साथ बड़ी संख्या में सीआरपीएफ के जवान भी मौजूद हैं। बुधवार सुबह करीब साढ़े 5 बजे विभाग की टीमें मंत्री के जयपुर और कोटपूतली के ठिकानों पर पहुंची। यादव कोटपूतली (जयपुर) से विधायक हैं।
यहां उनके रिश्तेदारों की एक फैक्टरी पर भी छापा मारा गया है। बताया जा रहा है कि फैक्टरी में मिड-डे मील सप्लाई के लिए कट्टे बनाए जाते हैं। कार्रवाई में लगभग 100 वाहनों का भी इस्तेमाल किया गया है। आयकर ने जयपुर में मंत्री के बेटों के घर सहित उत्तराखंड, गुड़गांव में भी छापा मारा है। जयपुर में राज्यमंत्री यादव के सिविल लाइंस स्थित सरकारी घर और बनी पार्क के निजी आवास सहित मालवीय नगर के ऑफिस में भी आयकर के अधिकारी पहुंचे हैं। आयकर विभाग के ऑपरेशन से अन्य कारोबारियों में भी हड़कंप मच गया है। यह छापेमारी मिड- डे मिल और पौष्टिक आहार बनाने वाले निर्माता, सप्लाई करने वालों, उनके सहयोगियों और परिचितों के यहां की जा रही है।
जयपुर में निर्माता और सप्लायर के घर, फैक्टरी, कार्यालय, गोदामों और कोटपूतली में सहयोगियों के ठिकानों पर जांच चल रही है। यह मामला 2018 का बताया जा रहा है। विभाग को मिली जानकारी के अनुसार ठेके लेकर घोटाला किया जा रहा था। इसमें तत्कालीन राज्य सरकारों का हाथ रहा है, जिसकी एवज में राजनीतिक फंडिंग की जाती रही है।
गृह राज्य मंत्री राजेंद्र यादव ने छापेमारी की कार्रवाई को लेकर कहा है कि न तो उनका मिड डे मील का कोई काम है और न ही पॉलिटिकल फंडिंग से उनका कोई लेना-देना है। अगर राजनीतिक दुर्भावना से उन पर यह कार्रवाई होगी तो उसका वे मुकाबला करेंगे। उन्होंने समर्थकों और पार्टी के लोगों से अपील की है कि कोई कानून हाथ में नहीं लें, क्योंकि हम लोग सच्चाई के साथ अपना काम करते हैं और बिजनेस करना कोई अपराध नहीं है। यादव ने कहा कि हमारा बिजनेस 1950 से चल रहा है और किसी के कहने पर कोई एंट्री या चंदा नहीं लिया जा सकता, क्योंकि हमारा अच्छा खासा बिजनेस चल रहा है। उसे हम खराब क्यों करेंगे? मंत्री ने कहा कि उनका पुश्तैनी बिजनेस है, जो 72 साल से चल रहा है उसी काम को हमारे बच्चे भी कर रहे हैं। हमारा मिड-डे-मील का कोई काम नहीं है, हम तो पैकेजिंग का बिजनेस करते हैं, जिसमें कट्टे बनते हैं, फर्टिलाइजर, अनाज, सीमेंट और एक्सपोर्ट का काम होता है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में हमारा फूड प्रोडक्शन का बिजनेस है। हमारी प्रोडक्शन की लाइन है, जहां हम माल बनाते हैं और बड़ी कंपनियों को सप्लाई देते हैं। इसमें किसी तरीके का कोई गलत काम नहीं होता।
उन्होंने कहा कि विभाग की सुबह से हमारे यहां जांच चल रही है और जो भी सामने आएगा वह हम छिपाएंगे नहीं। विभाग सर्च करे, इसका हमें कोई एतराज नहीं क्योंकि हम बिजनेस करते हैं और सरकार को लगता है कि हमने कुछ गलत किया है तो वह जांच कर ले। इसमें हमें कोई एतराज नहीं लेकिन हमने कोई गलत काम नहीं किया। यादव ने कहा कि मैं 64 साल का हो गया हूं और चाहे राजनीति हो या फिर बिजनेस हर जगह उतार-चढ़ाव देखे हैं। जो भी व्यक्ति गलत काम करता है वह अपने आप नीचे आ जाता है। अगर गलत नीयत से हम पर कारवाई हुई है तो कार्रवाई करने वाला भुगतेगा लेकिन मैं अपने कार्यकर्ताओं और कांग्रेस के लोगों से कानून हाथ में नहीं लेने और शांति बनाए रखने की अपील करता हूं। हम लोग सच्चाई पर चल रहे हैं अगर कोई गलत चीज होगी तो सामने आ जाएगी। आयकर विभाग हमसे कोई जवाब मांगेगा तो हम उन्हें जवाब भी देंगे। मंत्री यादव ने कहा कि राजनीतिक दुर्भावना से अगर उन पर कोई कार्रवाई की जा रही है तो उसके खिलाफ वह लड़ाई लड़ेंगे।