अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत में गिरावट
नई दिल्ली, 7 सितंबर (हि.स.)। अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल की कीमत में लगातार दूसरे दिन गिरावट का रुख बना रहा। इस गिरावट की वजह से ब्रेंट क्रूड आज जनवरी 2022 के बाद के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया। जनवरी में ब्रेंट क्रूड 91.70 डॉलर प्रति बैरल के स्तर तक पहुंचा था, जबकि आज अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसका भाव 92 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गया।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में ब्रेंट क्रूड पिछले 1 हफ्ते के दौरान करीब 3 प्रतिशत तक लुढ़क चुका है। मासिक आधार पर देखें तो ब्रेंट क्रूड की कीमत में 0.34 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। हालांकि सालाना आधार पर ब्रेंट क्रूड की कीमत में इजाफा हुआ है। पिछले 1 साल की अवधि में ब्रेंट क्रूड की कीमत करीब 32 प्रतिशत तक तेज हो चुकी है। इसी तरह वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट क्रूड (डब्ल्यूटीआई क्रूड) की कीमत में भी पिछले 1 सप्ताह के दौरान करीब 3 प्रतिशत की गिरावट आई है। मासिक आधार पर डब्ल्यूटीआई क्रूड की कीमत में 1 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है, जबकि सालाना आधार पर डब्ल्यूटीआई क्रूड की कीमत करीब 30 प्रतिशत तक तेज हो चुकी है।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत में आई गिरावट की सबसे बड़ी वजह वैश्विक मंदी की आशंका को माना जा रहा है। मांग गिरने की संभावना की वजह से क्रूड ऑयल की कीमत पर लगातार दबाव बना हुआ है। इसके साथ ही वैश्विक स्तर पर महंगाई के दबाव की वजह से भी कच्चे तेल की कीमत में कमजोरी बनी हुई नजर आ रही है।
मार्केट एक्सपर्ट्स के मुताबिक अमेरिका में महंगाई पर काबू पाने के लिए यूएस फेडरल रिजर्व ब्याज दरों में 0.75 प्रतिशत की बढ़ोतरी करने का संकेत दे चुका है। इसके साथ ही यूरोपियन सेंट्रल बैंक (ईसीबी) भी महंगाई पर काबू पाने के लिए ब्याज दरों में बढ़ोतरी करने की बात कह चुका है। ब्याज दरों में बढ़ोतरी की आशंका से भी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत पर दबाव बना है।
इन वजहों के अलावा दुनिया भर में कच्चे तेल के सबसे बड़े खरीदारों में से एक चीन के कई शहरों में कोरोना संक्रमण की वजह से लॉकडाउन लग जाने के कारण भी कच्चे तेल की मांग में कमी आई है। माना जा रहा है कि वैश्विक स्तर पर मंदी आने की आशंका और इस वजह से क्रूड ऑयल की मांग में कमी की संभावना के कारण कच्चे तेल की कीमत में आने वाले दिनों में कुछ और गिरावट आ सकती है।