नई दिल्ली, 05 सितंबर (हि.स.)। दिल्ली बाल अधिकार संरक्षण आयोग (डीसीपीसीआर) ने एमसीडी के स्कूलों में शिक्षा की खराब गुणवत्ता को लेकर आज एमसीडी को नोटिस भेजा है। आयोग ने एमसीडी से संचालित स्कूलों में बच्चों को अच्छी शिक्षा देने में बार-बार अफसल होने की जांच करने का आदेश भी दिया हैं। साथ ही, डीसीपीसीआर ने नोटिस का जवाब देने के लिए एमसीडी को दो सप्ताह का समय दिया है। एमसीडी को 19 सितंबर से तक नोटिस का जवाब देने के लिए कहा गया है।
इस संबंध में डीसीपीसीआर के अध्यक्ष अनुराग कुंडू ने ट्वीट कर कहा, “डीसीपीसीआर ने एमसीडी स्कूलों में शिक्षा की खराब गुणवत्ता के संबंध में जांच के आदेश दिए हैं। एमसीडी स्कूलों के प्रदर्शन को पूरे भारत में नीचे से पांचवां स्थान दिया गया है।’’
डीसीपीसीआर द्वारा जारी जांच के नोटिस में कहा गया है कि प्राथमिक शिक्षा प्रदान करने की जिम्मेदारी दिल्ली नगर निगम की है। राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण (एनएएस) 2021 के कक्षा तीन के परिणाम एमसीडी के स्कूलों में टीचिंग और लर्निंग की गुणवत्ता पर सीधी टिप्पणी है। राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण में कक्षा 3 के परिणाम एमसीडी के स्कूलों में टीचिंग और लर्निंग की निराशाजनक तस्वीर पेश करते हैं, जो दिल्ली को भारत में सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले 5 राज्यों में शामिल है।
वास्तव में, दिल्ली नगर निगम के कक्षा 3 के परिणाम भाषा, गणित और पर्यावरण अध्ययन तीनों विषयों में राष्ट्रीय औसत से नीचे हैं। भाषा में कक्षा 3 के लिए औसत राज्य स्कोर 52 प्रतिशत है, जबकि राष्ट्रीय औसत 62 फीसद है।
डीसीपीसीआर द्वारा जारी नोटिस में आगे कहा गया है कि यह ध्यान दिया जाए कि खराब प्रदर्शन को साधारण नहीं माना जा सकता, क्योंकि राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण 2017 में कक्षा 3 के लिए स्कोर 58 फीसद था। इसलिए आयोग ने दिल्ली नगर निगम को नोटिस जारी कर खराब प्रदर्शन का स्पष्टीकरण मांगा है। यह स्पष्टीकरण दो सप्ताह के अंदर 19 सितंबर तक देने का समय दिया गया है।