मेक्सिको सिटी / नई दिल्ली, 03 सितंबर (हि.स.)। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि स्वामी विवेकानंद की शिक्षाओं और व्यक्तित्व से आज भारत ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में लोग उनसे प्रेरणा ले रहे हैं और उनके आदर्शों पर चलने की शपथ ले रहे हैं। शिकागो में स्वामी विवेकानंद के 1893 के भाषण की जिक्र करते हुए बिरला ने कहा कि स्वामीजी ने अपने इस भाषण में भारतीय संस्कृति की विशेषताओं को खूबसूरती से प्रदर्शित किया था। उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद का यह संदेश देश और काल की सीमा से परे सम्पूर्ण मानवता के लिए है। इसलिए मेक्सिको में उनकी मूर्ति का अनावरण उनके प्रति हमारे श्रद्धा और सम्मान का प्रतीक है।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने मेक्सिको में हिडाल्गो राज्य के स्वायत्त विश्वविद्यालय में स्वामी विवेकानंद की एक प्रतिमा का अनावरण किया। यह लैटिन अमेरिका में स्वामी की पहली प्रतिमा है। इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए बिरला ने कहा कि स्वामी विवेकानंद भारतीय संस्कृति के सर्वश्रेष्ठ गुणों का प्रतिबिंब हैं, उनके दिखाए रास्ते पर चलकर चरित्र निर्माण के माध्यम से एक न्यायपूर्ण, समृद्ध और समावेशी दुनिया बनाई जा सकती है। व्यक्तित्व निर्माण तथा संस्था निर्माण में स्वामी विवेकानंद के योगदान का उल्लेख करते हुए बिरला ने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने व्यक्ति के सर्वोच्च चारित्रिक गुणों के महत्व और संस्थागत मूल्यों को जिस ढंग से परिभाषित किया है वह आज भी प्रासंगिक है। लोक सभा अध्यक्ष ने आगे कहा कि जो सन्देश स्वामी ने देश और समाज को दिया है, वो समय और स्थान से परे, हर पीढ़ी को प्रेरित करने वाला है, रास्ता दिखाने वाला है।
लोकसभा ने भारतीय छात्रों से भी बातचीत की, जो प्रतिमा के अनावरण के लिए समारोह में बड़ी संख्या में एकत्रित हुए थे। उन्होंने पाया कि ये छात्र स्वामी जी की शिक्षाओं से अत्यधिक प्रेरित हैं। मेक्सिको में लगभग 70,000 भारतीय छात्र हैं जो विभिन्न पाठ्यक्रमों में अध्ययन कर रहे हैं। मैक्सिको की अपनी अत्यंत महत्वपूर्ण यात्रा के अंत में बिरला ने मेक्सिकन संसद और सरकार को धन्यवाद दिया कि उन्होंने इस यात्रा को आपसी संबंधों को नई ऊर्जा देने का अवसर बनाया।