नई दिल्ली, 01 सितंबर (हि.स.)। केंद्र सरकार ने एयर टरबाइन फ्यूल (जेट फ्यूल) और डीजल के निर्यात पर लगने वाले विंडफॉल प्रॉफिट टैक्स में बढ़ोतरी कर दी है। सरकार के फैसले के मुताबिक अब ऑयल मार्केटिंग कंपनियों को जेट फ्यूल के एक्सपोर्ट पर 9 रुपये प्रति लीटर की दर से टैक्स का भुगतान करना होगा।
इसी तरह डीजल के एक्सपोर्ट पर ऑयल मार्केटिंग कंपनियों को 13.5 रुपये प्रति लीटर विंडफॉल प्रॉफिट टैक्स का भुगतान करना होगा। इसके साथ ही घरेलू स्तर पर होने वाले कच्चे तेल के उत्पादन पर लगने वाली लेवी में भी प्रति टन 300 रुपये की बढ़ोतरी कर दी गई है। अब प्रति टन क्रूड ऑयल के लिए लेवी के रूप में 13,300 रुपये का भुगतान करना होगा। विंडफॉल प्रॉफिट टैक्स और लेवी में की गई बढ़ोतरी तत्काल प्रभाव से लागू कर दी गई है।
सरकार विंडफॉल प्रॉफिट टैक्स की हर 15 दिन के अंतराल पर समीक्षा करती है। इसके पहले विंडफॉल प्रॉफिट टैक्स की तीन बार समीक्षा की जा चुकी है। टैक्स की चौथी बार की गई समीक्षा के मुताबिक अब जेट फ्यूल के एक्सपोर्ट पर विंडफॉल प्रॉफिट टैक्स की दर में प्रति लीटर 2 रुपये की बढ़ोतरी करके 9 रुपये प्रति लीटर कर दिया गया है। इसी तरह डीजल के एक्सपोर्ट पर विंडफॉल प्रॉफिट टैक्स में 6.5 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी करके इसे 7 रुपये प्रति लीटर से बढ़ाकर 13.5 रुपये प्रति लीटर कर दिया गया है।
एक ओर तो एयर टरबाइन फ्यूल (जेट फ्यूल) के विंडफॉल प्रॉफिट टैक्स में बढ़ोतरी की गई है, दूसरी ओर घरेलू स्तर पर जेट फ्यूल की कीमत में कमी दर्ज की गई है। नई कीमत के मुताबिक जेट फ्यूल की कीमत में 0.7 प्रतिशत की कमी की गई है। कीमत में की गई इस कमी के कारण दिल्ली में जेट फ्यूल की कीमत 1.22 लाख रुपये प्रति किलोलीटर से घटकर 1.21 लाख रुपये प्रति किलोलीटर हो गई है।
दुनिया के कई देशों में ऊर्जा उत्पादक कंपनियों के सुपर नॉर्मल प्रॉफिट पर वहां की सरकारें टैक्स लगाती है। इसी तर्ज पर अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत में जबरदस्त बढ़ोतरी के बाद भारत सरकार ने नुकसान को कम करने के इरादे से प्रोसेस्ड तेल के एक्सपोर्ट पर विंडफॉल प्रॉफिट टैक्स लगाया था। हालांकि बाद में अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत कम हो जाने के कारण ऑयल प्रोड्यूसिंग कंपनियों और ऑयल मार्केटिंग कंपनी के प्रॉफिट मार्जिन पर भी असर पड़ने लगा।