प्रधानमंत्री ने मन की बात कार्यक्रम में कहा कि आजादी का अमृत महोत्‍सव और स्‍वतंत्रता दिवस के विशेष अवसर पर हमने देश की सामूहिक शक्ति के दर्शन किए हैं

नई दिल्ली,28 अगस्त : प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने कहा है कि आजादी का अमृत महोत्‍सव और स्‍वतंत्रता दिवस के विशेष अवसर पर हमने देश की सामूहिक शक्ति के दर्शन किए हैं। श्री मोदी ने आज आकाशवाणी के मन की बात कार्यक्रम में कहा कि इससे चेतना की अनुभूति हुई है। उन्‍होंने कहा कि इतने विशाल और विविधतापूर्ण देश में जब तिरंगा फहराने की बात आई, तो हर कोई एक ही भावना में बहता दिखा।

प्रधानमंत्री ने पर्वतों की चोटियों, राष्‍ट्र की सीमाओं और समुद्र के मध्‍य तिरंगा फहराये जाने पर सैनिकों की सराहना की।

प्रधानमंत्री ने कहा कि स्‍वच्‍छता अभियान और कोविड टीकाकरण अभियान में भी देश की यही भावना देखने को मिली थी। अमृत महोत्‍सव में भी फिर से देशभक्ति का यही जज्‍बा देखने को मिल रहा है।

श्री मोदी ने कहा कि बच्‍चों और युवाओं सहित देशवासियों से मिले प्रत्‍येक संदेश, पत्र और कार्ड में अंकित राष्‍ट्रीय ध्‍वज से प्रधानमंत्री कार्यालय तिरंगामय हो गया है।

प्रधानमंत्री ने हर घर तिरंगा अभियान के लिए लोगों के नये-नये विचारों की सराहना की। इस संबंध में उन्‍होंने कृशनील अनिल का उदाहरण दिया, जो पज़ल आर्टिस्‍ट हैं। अनिल ने रिकार्ड समय में खूबसूरत तिरंगा मॉजेक कलाकृति तैयार की है। कर्नाटक के कोलार में लोगों ने 630 फीट लंबा और 205 फीट चौड़ा तिरंगा फहराया। असम में सरकारी कर्मियों ने दिघालीपुखरी युद्ध स्‍मारक में अपने हाथों का ही 20 फीट का तिरंगा बनाया। इंदौर में लोगों ने मानव श्रृंखला के जरिये भारत का मानचित्र बनाया। श्री मोदी ने चंडीगढ़ में विशाल मानव तिरंगा बनाने पर युवाओं की सराहना की। उन्‍होंने इस बात पर भी प्रसन्‍नता व्‍यक्‍त की कि ये दोनों ही प्रयास गिनीज रिकार्ड बुक में दर्ज हुए हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश की गंगोट पंचायत में प्रेरणादायी कार्य किया गया, जहां स्‍वतंत्रता दिवस के कार्यक्रम में प्रवासी मजदूरों के बच्‍चों को मुख्‍य अतिथि बनाया गया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया के विभिन्‍न देशों में भी अमृत महोत्‍सव के रंग दिखे। उन्‍होंने कहा कि बोत्‍स्‍वाना में स्‍थानीय गायकों ने भारत की आजादी के 75 वर्ष का उत्‍सव मनाने के लिए देशभक्ति के 75 गीत गाये। ये गीत हिंदी, पंजाबी, गुजराती, बांग्‍ला, असमिया, तमिल, तेलुगु, कन्‍नड़ और संस्‍कृत जैसी भाषाओं में हैं। नामीबिया में भारत के साथ सांस्‍कृतिक और पारंपरिक संबंधों पर विशेष डाक टिकट जारी किया गया।

प्रधानमंत्री ने दूरदर्शन पर प्रसारित स्‍वराज धारावाहिक का उदाहरण दिया। यह प्रत्‍येक रविवार को रात 9 बजे प्रसारित होता है। प्रधानमंत्री ने देशवासियों से 75 सप्‍ताह का यह धारावाहिक देखने की अपील की।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे पूर्वजों की दूरदृष्टि और एकात्‍मचिंतन आज भी बहुत महत्‍वपूर्ण है। इस सम्बंध में उन्‍होंने ऋग्‍वेद की सूक्ति का उदाहरण दिया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी संस्‍कृति में हजारों वर्ष पहले से ही जल और जल संरक्षण का महत्‍व समझाया गया है। यह ज्ञान आज के संदर्भ में भी उतना ही महत्‍वपूर्ण है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि चार महीने पहले मन की बात में की गई अमृत सरोवर की अपील प्रशासन सहित सभी के प्रयासों से अब जन आंदोलन बन गई है। श्री मोदी ने कहा कि जब देश के लिए कुछ करने की भावना हो, अपने कर्तव्‍यों का अहसास हो, आने वाली पीढि़यों की चिंता हो, तो सामर्थ्‍य और संकल्‍प एकजुट हो जाते हैं। उन्‍होंने तेलंगाना के वारंगल में नई ग्राम पंचायत मंग्‍त्‍या-वाल्‍या थांडा के गठन का उदाहरण दिया, जहां वर्षा जल के संचय के लिए अमृत सरोवर विकसित किया गया है।

प्रधानमंत्री ने मध्‍य प्रदेश के मंडला में मोचा ग्राम पंचायत में बने अमृत सरोवर की भी चर्चा की। कान्‍हा राष्‍ट्रीय उद्यान के पास बने इस सरोवर से इलाके की सुंदरता भी बढ़ी है। उन्‍होंने उत्‍तर प्रदेश के ललितपुर में शहीद भगत सिंह अमृत सरोवर का भी उदाहरण दिया। निवारी ग्राम पंचायत में चार एकड़ का यह सरोवर लोगों को आकर्षित कर रहा है। इस सरोवर के पास बने 35 फीट ऊंचे तिरंगे को देखने के लिए दूर-दूर से लोग आ रहे हैं।

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