गृह मंत्रालय ने कहा-उसने रोहिंग्‍या अवैध प्रवासियों को दिल्‍ली के बक्‍करवाला क्षेत्र में फ्लैट देने का कोई निर्देश नहीं दिया

नई दिल्ली, 18 अगस्त : गृह मंत्रालय ने स्‍पष्‍ट किया है कि उसने रोहिंग्‍या अवैध प्रवासियों को नई दिल्‍ली के बक्‍करवाला क्षेत्र में ई. डब्‍ल्‍यू. एस. फ्लैट देने के बारे में कोई निर्देश नहीं दिया है। राष्‍ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्‍ली सरकार ने रोहिंग्‍या शरणार्थियों को स्‍थानांतरित करने का प्रस्‍ताव किया है। गृह मंत्रालय ने एक विज्ञप्ति में कहा है कि उसने दिल्‍ली सरकार को निर्देश दिया है कि वह सुनिश्चित करे कि अवैध विदेशी रोहिंग्‍या मदनपुर खादर के कंचन कुंज क्षेत्र में मौजूदा स्‍थान पर ही रहें। मंत्रालय ने कहा है कि अवैध विदेशियों को उनके सम्‍बद्ध देश में वापस भेजने का मामला विदेश मंत्रालय के साथ उठाया गया है। गृह मंत्रालय ने कहा कि कानून के मुताबिक अवैध विदेशी नागरिक, वापस भेजे जाने तक नज़रबंदी शिविर में रखे जाते हैं। दिल्‍ली सरकार ने वर्तमान स्‍थान को नज़रबंदी शिविर घोषित नहीं किया है और उससे कहा गया है कि वह तत्‍काल ऐसा करे।

बांगलादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने कहा कि म्‍यांमा को बांगलादेश में शरणार्थी शिविरों में रह रहे हजारों रोहिंग्‍या शरणार्थियों को अवश्‍य वापस लेना चाहिए। शेख हसीना ने यह बात कल राजधानी ढाका में संयुक्‍त राष्‍ट्र मानवाधिकार आयुक्‍त मिशेल बैशलेत के साथ बातचीत के दौरान कही। सुश्री बाचेलेत रविवार को ढाका पहुंची थी और उन्‍होंने म्‍यांमा सीमा के निकट कॉक्‍स बाज़ार जिले में रोहिंग्‍या शिविरों का दौरा किया।

वर्ष 2017 में विद्रोही गुट के हमले के बाद म्‍यांमा की सेना द्वारा रोहिंज्‍या के खिलाफ सैन्‍य कार्रवाई के कारण करीब सात लाख रोहिंग्‍या शरणार्थी बांगलादेश में प्रवेश कर गए थे। म्‍यांमा में पिछले वर्ष सैन्‍य नियंत्रण के बाद सुरक्षा स्थिति ख़राब हो गई है। बांगलादेश में फिलहाल दस लाख से अधिक रोहिंग्‍या शरणार्थी रह रहे हैं।

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