केंद्रीय गृह मंत्री से बिप्लब की मुलाकात, राजनीतिक गलियारों में अटकलें

अगरतला, 9 अगस्त : अपना मुख्यमंत्री पद गंवाए तीन महीने से ज्यादा समय हो चुके हैं। इस बीच पहले भी कई बार दिल्ली जा चुके हैं। लेकिन, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ आज उनकी मुलाकात ने त्रिपुरा के राजनीतिक गलियारों में नई अटकलों को जन्म दिया है। त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मुलाकात की तस्वीरों को लेकर सोशल मीडिया पर चर्चा शुरू हो गई है। हालांकि, बिप्लब ने दावा किया कि केंद्रीय गृह मंत्री के साथ त्रिपुरा में भाजपा के संगठन और समग्र राजनीतिक स्थिति के बारे में विस्तृत चर्चा हुई है।

ये साल खतम होते ही त्रिपुरा में विधानसभा चुनाव दरवाजे पर दस्तक देंगे। इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि कुशल आयोजकों के बिना चुनावी प्रक्रिया को पारित करना संभव नहीं है, भाजपा का शीर्ष नेतृत्व इस बात को अच्छी तरह से समझता है। त्रिपुरा में भाजपा मुख्यमंत्री को बदलकर विपक्ष को चुप कराने में काफी हद तक सफल रही है, एक ऐसी रणनीति जिसकी राजनीतिक दिग्गजों ने सराहना की है। लेकिन, विधानसभा चुनाव में सीटों की संख्या बढ़ाकर सत्ता में वापसी करना कितना आसान होगा, ये आंकड़े बीजेपी के शीर्ष नेताओं ने बहुत पहले ही सोच रख हैं। इसलिए उपचुनाव के नतीजों की घोषणा के बाद से ही बीजेपी ने अपनी रणनीति बनाने में जुट गई है।

इस बीच पूर्व मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देव को लेकर तरह-तरह के कयास लगने शुरू हो गए हैं। लेकिन, हाल ही में बीजेपी के अखिल भारतीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात और केंद्रीय गृह मंत्री से आज की चर्चा के बाद आलोचक कुछ दिनों के लिए खामोश नजर आएंगे, एसा माना जा रहा है।

आज सोशल मीडिया पर बिप्लब कुमार देव ने लिखा, “मैं देश के गृह मंत्री अमित शाह से दिल्ली में मिला। उन्होंने त्रिपुरा में भाजपा के संगठन और समग्र राजनीतिक स्थिति के बारे में उनसे विस्तृत चर्चा की।

बिप्लब साथ मे यह भी लिखते हैं कि केंद्रीय गृह मंत्री त्रिपुरा में भाजपा संगठन को करीब से जानते हैं। वह हमेशा त्रिपुरा के लोगों का सम्मान करते हैं। मैं माँ त्रिपुरासुंदरी से उनके अच्छी स्वस्थ की प्रार्थना करता हूँ। माँ की कृपा उन पर सदैव बनी रहे।जब से उन दोनों की मुलाकात की तस्वीर सोशल मीडिया पर प्रकाशित हुई है, तब से राजनीतिक गलियारों में बिप्लब कुमार देब को लेकर नए-नए कयास लगने शुरू हो गए हैं। लोग इस बात को लेकर उत्सुक हैं कि क्या उन्हें त्रिपुरा में संगठन की बड़ी जिम्मेदारी मिलने वाली है।

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